बिहार की तपती गर्मी के बीच सियासत का तापमान भी अब धीरे-धीरे बढ़ने लगा है. वजह साफ है नवंबर में संभावित विधानसभा चुनाव. इस बार माहौल गरमाने की शुरुआत खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की है, जिन्होंने अचानक बिना किसी पूर्व सूचना के राजधानी पटना की सड़कों पर भ्रमण शुरू कर दिया. यही नहीं मुख्यमंत्री का यह बिन बताए मंत्री और अधिकारियों के घर दौरा न सिर्फ राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है, बल्कि इससे कई तरह के राजनीतिक संकेत भी निकलने लगे हैं. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि बिहार में कुछ बड़ा होने वाला है.
गुरुवार की सुबह जब राजधानी के लोग भीषण गर्मी से बचने के उपाय खोज रहे थे, उसी समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने काफिले को तैयार करने का निर्देश दिया और खुद गाड़ी में बैठकर निकल पड़े. किसी को भनक तक नहीं थी कि मुख्यमंत्री अचानक इस तरह सड़कों पर उतर जाएंगे.
मुख्यमंत्री सबसे पहले पहुंचे मंत्री विजय चौधरी के आवास पर. वहां उन्होंने थोड़ी देर बातचीत की और फिर आगे बढ़ गए. इसके बाद वह वरिष्ठ मंत्री बिजेंद्र यादव के घर पहुंचे. यहां भी उनके आगमन की कोई पूर्व सूचना नहीं थी. उन्होंने मंत्री से हालचाल लिया, स्वास्थ्य की जानकारी ली और फिर वहां से रवाना हो गए.
नीतीश कुमार का अगला ठिकाना बना मंत्री अशोक चौधरी का आवास, जहां उन्होंने कुछ मिनटों तक बातचीत की. उसके बाद मुख्यमंत्री अपने प्रधान सचिव दीपक कुमार के आवास भी पहुंच गए. इस तरह एक ही सुबह में मुख्यमंत्री ने चार अहम लोगों से मुलाकात कर न सिर्फ प्रशासनिक सक्रियता दिखाई, बल्कि एक बार फिर अपने पुराने अंदाज में राजनीतिक संकेत भी दे दिए.
मुख्यमंत्री की यह अचानक की गई गतिविधि सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है. राजनीतिक विश्लेषक इसे नीतीश कुमार की एक सोची-समझी रणनीति मान रहे हैं. उनके अनुसार, नीतीश कुमार जब भी इस तरह अचानक एक्टिव होते हैं, उसका कोई न कोई गहरा अर्थ होता है, जो कुछ दिनों बाद सामने आता है. यह दौर ठीक वैसे ही दिख रहा है जैसे उन्होंने कई बार गठबंधन की राजनीति में अचानक बड़े फैसले लिए थे.
बता दें कि नीतीश कुमार बीते कुछ दिनों से सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूरी बनाए हुए थे. लेकिन अब वह एक बार फिर ऐक्शन मोड में आ गए हैं, और उनकी हर गतिविधि पर लोगों की नजरें टिकी हुई हैं. चाहे वह उनके सहयोगी मंत्री हों या विपक्षी दल—हर कोई इस कदम को लेकर अपनी-अपनी व्याख्या कर रहा है.
क्या संकेत दे रहा सीएम का ये दौरा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह दौरा यह संकेत दे रहा है कि वे सरकार और संगठन के भीतर की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं. ऐसे में यह भी माना जा रहा है कि कुछ अहम फैसले या फेरबदल भी जल्द हो सकते हैं. नीतीश कुमार की पहचान एक चुपचाप रणनीति बनाने वाले नेता के रूप में रही है और उनकी यह चुप्पी अक्सर बड़े बदलाव का संकेत होती है.