गोरखपुर में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में होली का आयोजन किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘फूलों की होली’ का आनंद उठाया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि देशभर में सनातन धर्म के प्रतिष्ठानुयायी अपनी विरासत को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए होली जैसे त्योहारों में भाग ले रहे हैं।
उन्होंने अपने धरोहर के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर हम इस शोभायात्रा के माध्यम से समाज के सभी वर्गों के लोगों को अपने उत्साह से जोड़कर समृद्ध समाज की स्थापना का संदेश देते हैं। सनातन धर्म ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के मंत्र में विश्वास करता है।
होली के दिन गोरखपुर में आयोजित नृसिंह शोभायात्रा सामूहिक सौहार्द की अद्वितीय मिसाल है। यह यात्रा धार्मिक आस्था के साथ होली का उत्सव मनाते हुए अद्वितीय आनंद का संगम है। गांव के सभी लोग एकत्रित होकर होली का जश्न मनाते हैं, और इसके तहत काले या हरे रंग का उपयोग नहीं होता, बल्कि केवल लाल और पीले रंगों से खेला जाता है। इस सभी का श्रेय नानाजी देशमुख को जाता है।
शोभायात्रा को आयोजित करने वाली होलिकोत्सव समिति के पदाधिकारियों बताया कि नानाजी देशमुख 1939 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक बनकर गोरखपुर आए थे। उस समय घंटाघर से निकलने वाली भगवान नृसिंह की शोभायात्रा में कीचड़ फेंकना, लोगों के कपड़े फाड़ देना, कालिख पोत देने के साथ ही काले व हरे रंगों का लोग अधिक प्रयोग करते थे।