असम-केरल के नतीजे गांधी परिवार की कांग्रेस में वर्चस्व बनाए रखने की होगी ‘अग्नि परीक्षा’

आज पांच राज्यों के पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले गए। दूसरी ओर आज ही भारतीय जनता पार्टी अपना 41वां स्थापना दिवस खूब उल्लास व उमंग के साथ मना रही है । भाजपा की स्थापना दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कार्यकर्ताओं को एकजुटता और उत्साहवर्धन के लिए संदेश भी दिया।

पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने बंगाल चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी है, वैसे ही राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने असम और केरल जीतने के लिए पूरा जोर लगा दिया है । आज चर्चा करेंगे कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार की जो अपने ही असंतुष्ट नेताओं से घिरी हुई है । आइए जानते हैं गांधी परिवार के लिए यह दोनों राज्य असम और केरल क्यों महत्वपूर्ण हैं । कांग्रेस में पिछले वर्ष से जारी उठापटक अभी भी बरकरार है । पार्टी के 23 असंतुष्ट नेता भी इन विधानसभा चुनाव में निगाहें लगाए हुए हैं।

सही मायने में ‘असम और केरल के चुनाव परिणाम गांधी परिवार के लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं होंगे’, यही नहीं यह दोनों राज्य कांग्रेस में गांधी परिवार की वर्चस्व और सियासी भविष्य की पटकथा भी लिखेंगे’ । सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका गांधी अब समझ रहे हैं कि यह विधानसभा चुनाव के नतीजे निर्णायक होंगे ।इसीलिए पिछले 2 महीनों से राहुल गांधी दक्षिण भारत में अपनी और पार्टी की सियासी जमीन को मजबूत करने में जुटे हुए हैं ।

‘राहुल गांधी ने केरल के वायनाड को अपनी नई अमेठी बनाई है’ । यहीं से राहुल दक्षिण के राज्यों में पार्टी का जनाधार को बढ़ाने में लगे हुए हैं । इसी को ध्यान में रखते हुए प्रियंका गांधी ने भी इन असाम में कई ताबड़तोड़ चुनावी जनसभाएं भी की हैं । हालांकि खराब स्वास्थ्य होने की वजह से कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी इन पांचों राज्यों में प्रचार करने के लिए नहीं जा सकीं ।

कांग्रेस पार्टी के दो चेहरे, राहुल और प्रियंका गांधी इन चुनाव में खुद को दो राज्यों पर केंद्रित करके चुनाव प्रचार कर रहे थे। बता दें कि कांग्रेस की वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में हुई करारी हार के बाद से ही अपने नेतृत्व की लड़ाई लड़ती आ रही है । पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था और तब से लेकर अभी तक पार्टी अपने पूर्णकालिक अध्यक्ष का इंतजार ही कर रही है। कांग्रेस के नेतृत्व पर पार्टी में आपसी गुटबाजी, विद्रोह और बगावत से गांधी परिवार जकड़ा हुआ है।

कांग्रेस का इन चुनावों में खराब प्रदर्शन रहा तो असंतुष्ट नेता राहुल की मुश्किलें बढ़ाएंगे–

पिछले लगभग आठ महीनों से पार्टी में उठते विद्रोह और बढ़ते असंतोष के बीच सोनिया गांधी फिलहाल औपचारिक रूप से नेतृत्व संभाले हुए हैं । अब असम और केरल में जहां कांग्रेस सबसे ज्यादा उम्मीद लगाए बैठी है ।‌ अगर ‘इस राज्य में पार्टी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाती तो राहुल प्रियंका और सोनिया गांधी के लिए पार्टी को संभालना आसान नहीं होगा, क्योंकि असंतुष्ट नेताओं का एक बड़ा तबका आज भी गांधी परिवार की खिलाफत खुलकर करने में लगा हुआ है’ ।

गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, आनंद शर्मा समेत कई दिग्गज नेता राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठा चुके हैं । हालांकि पार्टी ने भी इन नेताओं को पांचों राज्यों के विधानसभा चुनाव प्रचार से दूर ही रखा । यहां हम आपको बता दें कि कांग्रेस ने पिछले महीने असम, केरल और पश्चिम बंगाल के चुनाव में प्रचार के लिए 30 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की थी ।

गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा और मनीष तिवारी समेत आदि नेताओं को स्थान नहीं दिया गया, जिससे इन नेताओं की नाराजगी को और बढ़ा दिया था । बता दें कि जी-23 कांग्रेस के उन नेताओं का समूह है जो पार्टी में आंतरिक चुनाव की मांग कर रहा है। फिलहाल यह असंतुष्ट नेता इन राज्यों के चुनाव परिणाम तक ‘खामोश’ नजर आ रहे हैं ।

‘केरल और असम में कांग्रेस का खराब प्रदर्शन रहा तो गांधी परिवार के लिए और मुश्किलें बढ़ेंगी’ । यानी सही मायने में ये चुनाव परिणाम राहुल और प्रियंका के लिए भविष्य की सियासत में निर्णायक भूमिका निभाएंगे । 2 मई को आने वाले चुनाव परिणामों में अब देखना होगा राहुल गांधी और प्रियंका इन राज्यों में हारी हुई पार्टी को कितना मजबूत बना पाते हैं और क्या जनादेश पार्टी के पक्ष में ला पाने में सफल हो पाते हैं ।

वहीं अगर असम और केरल में पार्टी का प्रदर्शन खराब रहता है तो गांधी परिवार की करिश्मे के अंत की पटकथा पार्टी के विद्रोही नेता ही लिख देंगे, जिसके बाद कांग्रेस में काफी तोड़फोड़ देखने को मिल सकती है ।

Related Articles

Latest Articles

उत्तराखंड: दुर्घटना राहत निधि में देरी के मामलों में सीएस राधा रतूड़ी गम्भीर, दिए...

0
देहरादून| राज्य में दुर्घटना राहत निधि में देरी के मामलों को गम्भीरता से लेते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सार्वजनिक सेवायान की दुर्घटना...

Delhi School Bomb Threats: रूस से जुड़े है बम की धमकी देने वाले ईमेल...

0
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर के क्षेत्र में 250 से अधिक स्कूलों को बम की धमकी वाले ईमेल का पर्दाफाश करने के लिए रूस...

उत्तरप्रदेश: हार की खिसियाहट को हिंदू आस्था के साथ खिलवाड़ करके व्यक्त कर रही...

0
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा भगवान राम और शिव पर दिए गए वक्तव्य पर अपना आपत्तिजनक नज़रिया दिखाया है। उन्होंने...

लोकसभा चुनाव 2024: बीजेपी ने रायबरेली और कैसरगंज सीट का सस्पेंस किया खत्म, इन...

0
देश में लोकसभा चुनाव 2024 के दो चरण पूरे हो चुके हैं. जबकि तीसरे चरण के लिए 07 मई को मतदान होना है. ऐसे...

कोविशील्ड विवाद के बाद वैक्सीन सर्टिफिकेट में बदलाव, पीएम मोदी की तस्वीर हटाई

0
कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है. ब्रिटेन की कोर्ट के बाद अब भारत में भी सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर...

उत्तराखंड के IAS अधिकारी का व्हाट्सएप अकाउंट हैक, श्रीलंका के हैकर का काम

0
चंपावत के डीएम नवनीत पांडे की व्हाट्सएप आईडी हैक होने से प्रशासनिक अधिकारियों में अफरा-तफरी मच गई है। हैकर ने डीएम के नाम से...

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने किया श्री केदारनाथ धाम का निरीक्षण, पुनर्निर्माण एवं विकास...

0
मुख्य सचिव उत्तराखण्ड राधा रतूड़ी ने गुरुवार को श्री केदारनाथ धाम पहुँचकर पुनर्निर्माण एवं विकास कार्यों का जायजा लेते हुए समीक्षा की. इस दौरान...

देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में दो दिवसीय कार्यशाला का समापन, उच्च शिक्षा विभाग ने संस्थानों...

0
गुरुवार को देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में उच्च शिक्षा विभाग, उत्तराखंड के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का सफलतापूर्वक समापन हो गया। कार्यशाला के...

उत्तराखंड चारधाम हेली सेवा जून तक फुल, जानें बुकिंग का सही तरीका

0
जून तक चारधाम यात्रा के लिए हेली सेवा की बुकिंगें पूरी तरह से फूल हो चुकी हैं, और इससे बुक करने के लिए अब...

देहरादून: मतगणना से पहले पूर्व सीएम हरीश रावत की दावे से फैली सनसनी!

0
देहरादून| पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने लोकसभा चुनाव की मतगणना से पहले बड़ा दावा करके सनसनी फैला दी है. हरीश रावत ने सत्ता की...