कृषि कानून वापस लेना क्या बीजेपी के लिए साबित होगा मास्टर स्ट्रोक! यूपी-पंजाब में ऐसे बदलेंगे समीकरण

करीब 14 महीने पहले जब सितंबर 2020 में कृषि कानून संसद द्वारा पारित हुए थे. तो सरकार द्वारा दावा किया गया था कि तीनों कृषि कानून, किसानों का भविष्य बदल देंगे. लेकिन अब उसी सरकार ने देशवासियों से माफी मांगते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (19 नवंबर ) कहा कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई, सरकार किसानों, गांव, गरीब के हित में पूर्ण समर्थन भाव से, नेक नियत से ये कानून लेकर आई थी. लेकिन इतनी पवित्र बात और पूर्ण रूप से किसानों के के हित की बात हम कुछ किसानों को समझा नहीं पाए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरूनानक पर्व के मौके पर तीनों कृषि कानूनों को वापस ऐलान कर, एक बड़ा राजनीतिक दांव भी चल दिया है. क्योंकि इस फैसले से पंजाब और उत्तर प्रदेश चुनाव के पूरे समीकरण बदल गए हैं. अभी तक कृषि कानून के विरोध के नाम पर भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों को बड़ा मौका मिल गया था. लेकिन अब उनके लिए उसे चुनावी मुद्दा बनाना मुश्किल हो सकता है.

कानून लागू होने के बाद प्रमुख चुनावों का हाल
सितंबर 2020 में तीनों कृषि कानून लागू होने और कृषि आंदोलन के बाद सबसे पहले नवंबर में बिहार में विधान सभा चुनाव हुए थे. जिसमें जद (यू) के साथ भाजपा की सत्ता में फिर वापसी हुई. और ऐसा पहली बार हुआ कि वह जद (यू) से ज्यादा सीटें जीत कर आई. इसके बाद अहम चुनाव मई 2021 में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल, पुडुचेरी में हुए. इन चुनावों में भाजपा पश्चिम बंगाल में सरकार बनाने का सपना पूरा नहीं कर पाई. इसी तरह केरल और तमिलनाडु में पार्टी का उम्मीदों के अनुसार प्रदर्शन नहीं रहा. हालांकि असम में पार्टी सत्ता में वापसी की . और उसे पुडुचेरी में सरकार बनाने का मौका मिला.

किसान कानून लागू होने के करीब एक साल बाद 30 अक्टूबर 2021 को 29 विधान सभा सीटों और 3 लोकसभा सीटों पर चुनाव हुए हैं. ये चुनाव भाजपा के लिए झटका साबित हुए. चुनावों में भाजपा को केवल 7 सीटें मिलीं. जबकि उसके सहयोगियों को 8 सीटें मिलीं. वहीं कांग्रेस के खाते में 8 सीटें आईं. इन नतीजों में भाजपा को सबसे बड़ा झटका हिमाचल प्रदेश में लगा, जहां उसे तीनों विधान सभा सीट और एक लोकसभा सीट पर हार का सामना करना पड़ा.

भाजपा ने बदले मुख्यमंत्री
इस बीच भाजपा ने तीन प्रमुख राज्यों में अपने मुख्यमंत्री भी बदल दिए है. पार्टी ने जुलाई में कर्नाटक में अपना मुख्यमंत्री बदला. वहां पर बी.एस.येदियुरप्पा की जगह बसवराव बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाया गया. इसके बाद उत्तराखंड में तीरथ सिंह रावत की जगह पुष्करधामी को मुख्यमंत्री बनाया. और फिर सितंबर में गुजरात में विजय रुपाणी की जगह भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाया.

अकाली दल से टूटा 24 साल पुराना रिश्ता
तीनों कृषि कानूनों के विरोध में भाजपा से उसके सबसे पुरानी साथी शिरोमणि अकाली दल ने सितंबर 2020 में नाता तोड़ लिया था. भाजपा और अकाली दल 1996 से एक-दूसरे के साथी थे. ऐसे में जब, पंजाब में विधान सभा चुनाव होने में तीन-चार महीने बचे हैं. और तीन कृषि कानून वापस ले लिए गए हैं, ऐसे में यह भी सवाल उठता है कि क्या भाजपा और अकाली दल फिर से हाथ मिलाएंगे. हालांकि जिस तरह कांग्रेस से अलग होकर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भाजपा से गठबंधन की बात कही हैं, उसे देखते हुए पंजाब के राजनीतिक समीकरण में बड़ा बदलाव आएगा.

पंजाब में भाजपा को मिलेगा फायदा !
पंजाब में भाजपा शुरू से शिरोमणि अकाली दल के साथी के रूप में चुनाव लड़ती रही है. जहां पर उसकी भूमिका छोटे भाई के रूप में ही रही है. साल 2012 के विधान सभा चुनावों में जब अकाली दल के नेतृत्व में उसकी सरकार थी, उस वक्त भी उसके पास 117 विधान सभा सीटों वाले पंजाब में केवल 15 सीटें मिली थी. और 2017 में कांग्रेस की सरकार आई तो उसे केवल 3 सीटें मिली.

अब 2022 में भाजपा की उम्मीद कांग्रेस से अलग हुए पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से है. अमरिंदर सिंह ने भाजपा से गठबंधन के लिए यही शर्त रखी थी कि अगर किसान आंदोलन का रास्ता निकलेगा, तभी वह उसके साथ हाथ मिलाएंगे. अब केंद्र सरकार ने चुनाव से पहले करतारपुर साहिब खोलकर और फिर तीनों कृषि कानूनों को वापस लेकर, अमरिंदर सिंह के बड़ा बूस्ट दे दिया है.

राज्य में अमरिंदर सिंह के साथ बड़ा वोट बैंक है और भाजपा उनके साथ खड़ी होकर, पंजाब में बड़ी चुनौती पेश कर सकेगी. और अमरिंदर को अपनी नई पार्टी के लिए, भाजपा का बना, बनाया कैडर मिल जाएगा. इसे देखते हुए पंजाब चुनाव अब काफी दिलचस्प होने की उम्मीद है. जहां चतुष्कोणीय मुकाबला हो सकता है.

यूपी में विपक्ष के हाथ से निकला मुद्दा !
राजनीतिक रूप से सबसे बड़े संवेदनशील राज्य उत्तर प्रदेश में भी अगले 3-4 महीने में चुनाव होने वाले हैं. और कृषि कानून से उपजे किसान आंदोलन ने भाजपा के खिलाफ, पिछले 8 साल का सबसे बड़ा मुद्दा दे दिया था. भाजपा 2014 के लोक सभा चुनावों से ही प्रदेश में एक तरफा जीत हासिल कर रही है. इन 8 वर्षों में किसान आंदोलन की वजह से भाजपा पहली बार बैकफुट पर नजर आ रही थी.

खास तौर से उसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बड़े नुकसान का डर था. भाजपा के एक किसान नेता कहते हैं, तीनों कृषि कानून वापस लेने से पार्टी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बड़ा बूस्ट मिलेगा. और हम नाराज किसानों के बीच जाकर उन्हें समझा सकेंगे.

समाजवादी पार्टी ने खास तौर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक दल और महान दल के साथ गठबंधन कर रखा है. उसे उम्मीद है कि किसान आंदोलन से उपजे असंतोष की वजह से पार्टी को बड़ा फायदा मिलेगा. 2017 के विधान सभा चुनावों में भाजपा को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 120 में से 85-90 सीटें मिली थी.

साभार-टाइम्स नाउ

Related Articles

Latest Articles

लोकसभा चुनाव 2024: कन्हैया कुमार ने उत्तर पूर्वी दिल्ली दाखिल किया नामांकन, मनोज तिवारी...

0
सोमवार (6 मई) को कांग्रेस नेता और जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल किया....

सीआईएससीई 10वीं, 12वीं परीक्षा का रिजल्ट जारी, ऐसे देखें अपना परिणाम

0
आज (सोमवार) 6 मई को काउंसिल फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) ने 10वीं और 12वीं बोर्ड का रिजल्ट जारी कर दिया है. बोर्ड...

दिल्ली के बाद अहमदाबाद के स्कूलों को मिली बम की धमकी, मची खलबली

0
अहमदाबाद के तीन स्कूलों में आज बम की धमकी मिली है. सोमवार 6 मई को ईमेल के जरिए स्कूलों को बम से उड़ाने की...

उत्तराखंड में खरपतवार जलाने पर पूरी तरह से रोक, सीएम धामी ने सीएस को...

0
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को जंगल की आग से निबटने के लिए सख्त निगरानी के निर्देश दिए हैं. सीएम...

तेजी फ़ैल रहा कोविड-19 का नया वेरिएंट ‘FLiRT’, जानें खतरा, लक्षण और बचाव

0
कोविड-19 का नया वेरिएंट चिंता का विषय बना हुआ है. FLiRT, जिसे B.1.12 के नाम से भी जाना जाता है, SARS-CoV-2 वायरस का एक...

उत्तराखंड के जंगलों में आग हो रही बेकाबू, 1000 हेक्टेयर से ज्यादा जंगल राख-5...

0
उत्तराखंड के जंगलों में आग बेकाबू होती जा रही है. धीरे-धीरे आग अल्मोड़ा और बागेश्वर समते प्रदेश के कई वन क्षेत्रों में पहुंच गई...

रांची: मंत्री आलमगीर के पीए के नौकर के घर मिला नोटों का पहाड़, देखें...

0
रांची| झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के सहायक के घर पर ईडी ने छापेमारी कर 20 करोड़ रुपये कैश...

राशिफल 06-05-2024: आज सोमवार को मेष से मीन कैसा रहेगा सब जातकों का दिन,...

0
मेष:आज का दिन लाभदायी रहेगा इसलिए मन में कुछ भी सीखने की ललक पैदा करें और आप जल्द ही सफल होंगे. अपने नेटवर्क को...

उत्तराखंड के जंगलों में आग लगाकर बनाई रील, वीडियो वायरल हुआ तो पड़े लेने...

0
उत्तराखंड के जंगलों में आग लगाकर रील बनाने का शौक बिहार के तीन युवकों को भारी पड़ गया. पुलिस ने तीनों युवकों को गिरफ्तार...

IPL 2024-PBKS Vs CSK: चेन्नई ने पंजाब को हराया, जडेजा रहे जीत के हीरो

0
रविवार को चेन्नई सुपर किंग्स ने धर्मशाला में खेले गए आईपीएल 2024 के 53वें मैच में पंजाब किंग्स को हराकर एक शानदार जीत दर्ज...