एसडीसी फाउंडेशन ने उत्तराखंड में आने वाली प्रमुख प्राकृतिक आपदाओं और दुर्घटनाओं पर अपनी तीसरी रिपोर्ट जारी की है. उत्तराखंड डिजास्टर एंड एक्सीडेंट सिनोप्सिस (उदास) की रिपोर्ट के अनुसार, जोशीमठ में 500 घर रहने के लायक नहीं हैं. रिपोर्ट में जोशीमठ में लगातार हो रहे भूधंसाव को लेकर चिंता जताई गई है. इसके साथ ही सड़क दुर्घटना में क्रिकेटर ऋषभ पंत के घायल होने की घटना को भी एक चेतावनी के रूप में देखा गया है.
रिपोर्ट का प्रमुख हिस्सा इस बार जोशीमठ के भूधंसाव को लेकर है. रिपोर्ट में कहा गया है कि शहर के 500 से ज्यादा घर रहने लायक नहीं हैं. लोगों का आरोप है कि प्रशासन ने स्थिति से निपटने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की है, जिसके कारण उन्हें 24 दिसंबर को सड़कों पर उतरना पड़ा. इस दिन शहर की करीब आठ सौ दुकानें विरोध स्वरूप बंद रहीं. जोशीमठ धंसाव के कारणों का भी रिपोर्ट में जिक्र किया गया है. इसके अलावा राज्य में दिसंबर 2022 में कोई बड़ी आपदा या दुर्घटना नहीं हुई है.
सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज (एसडीसी) फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल के अनुसार ‘उदास’ मंथली रिपोर्ट राजनीतिज्ञों, नीति निर्माताओं, अधिकारियों, शोधार्थियों, शैक्षिक संस्थाओं, सिविल सोसायटी आर्गेनाइजेशन और मीडिया के लोगों के लिए सहायक होगी.
इसके साथ ही दुर्घटना और आपदाओं से होने वाले नुकसान के न्यूनीकरण के लिए नीतियां बनाते समय भी इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा. उत्तराखंड आपदाओं की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है. अपने अध्ययन के आधार पर वैज्ञानिक यहां भूस्खलन, भूकंप आने की आशंका लगातार जताते रहे हैं. ऐसे में उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में विशेष तौर पर आपदा तंत्र को मजबूत करने की सख्त जरूरत है.
विशेषज्ञों के अनुसार जोशीमठ में भू-धंसाव का कारण बेतरतीब निर्माण, पानी का रिसाव, ऊपरी मिट्टी का कटाव और मानव जनित कारणों से जल धाराओं के प्राकृतिक प्रवाह में रुकावट है। शहर भूगर्भीय रूप से संवेदनशील है, जो पूर्व-पश्चिम में चलने वाली रिज पर स्थित है। शहर के ठीक नीचे विष्णुप्रयाग के दक्षिण-पश्चिम में, धौलीगंगा और अलकनंदा नदियों का संगम है। नदी से होने वाला कटाव भी इस भू-धंसाव के लिए जिम्मेदार है.
जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव से स्थिति लगातार बिगड़ रही है. भू-धंसाव ने अब सभी वार्डों को चपेट में ले लिया है. बुधवार को जोशीमठ से 66 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया. अब तक 77 परिवारों को शिफ्ट किया जा चुका है. राज्य सरकार पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर बृहस्पतिवार को विशेषज्ञों का एक दल जोशीमठ रवाना होगा.
चमोली: धंसता जा रहा है जोशीमठ, 500 से ज्यादा घर रहने लायक नहीं
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