हरियाणा के पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री एवं अंबाला से सांसद रतन लाल कटारिया का गुरुवार लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. कटारिया पिछले कई दिनों से चंडीगढ़ के पीजीआई में भर्ती थे. कटारिया पीएम मोदी के बेहद करीबी माने जाते थे, उनके निधन के बाद हरियाणा में शोक की लहर छाई हुई है.
गुरुवार को उनका पार्थिव शरीर पंचकूला आवास पर रखवाया जाएगा और उसके बाद मनीमाजरा में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. फिलहाल सांसद कटारिया पंचकूला के मनसा देवी कॉम्प्लेक्स में रहते थे.
अंबाला से सांसद रतन लाल कटारिया का हरियाणा की राजनीति में एक सक्रिय नेता के रुप में जाने जाते थे. उनका जन्म 19 दिसंबर 1951 को यमुनानगर जिले के संधाली गांव में हुआ था. कटारिया ने राजनीति शास्त्र में एमए और एलएलबी की डिग्री प्राप्त की थी. उनको राष्ट्र गीत गाने, कविताएं, शायरी लिखने और अच्छी पुस्तके पढ़ने का शौक था. उनकी पत्नी की नाम बंतो कटारिया है. उनके एक बेटा और दो बेटियां हैं.
साल 1980 में रतन लाल कटारिया को भाजयुमो का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया था. इसके अलावा वे बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता, प्रदेश मंत्री, अनुसूचित जाति मोर्चा के अखिल भारतीय महामंत्री, बीजेपी के राष्ट्रीय मंत्री और जून 2001 से सितंबर 2003 तक बीजेपी का प्रदेशाध्यक्ष भी बनाया गया था. कटारिया 1987-90 में प्रदेश सरकार के संसदीय सचिव एवं हरिजन कल्याण निगम के चेयरमैन बने थे. इसके अलावा कटारिया जून 1997 से जून 1999 तक हरियाणा वेयर हाउसिंग के चेयरमैन भी बने.
साल 2019 के लोकसभा चुनावों में रतन लाल कटारिया ने अंबाला से तीसरी बार जीत दर्ज की थी. इसी सीट से कटारिया राज्यसभा सांसद कुमारी सैलजा को लगातार 2 बार हरा चुके है. साल 2014 के चुनाव में उन्होंने जीत का रिकार्ड बनाया था. कटारिया राजनीतिक तजुर्बेकार और बेदाग छवि के नेता के रुप में जाने जाते थे.