उत्तराखंड के जोशीमठ में खराब मौसम और बारिश के बीच बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेश यानी सीमा सड़क संगठन ने एक नया रिकॉर्ड बना दिया है. बीआरओ ने यहां महज तीन दिनों के भीतर 90 फीट लंबा बैली ब्रिज बनाकर सबको हैरान कर दिया है. इस ब्रिज के बनने से आसपास के कई गांवों के लोगों को राहत मिलेगी और उनका आवागमन आसान हो जाएगा. वहीं ये ब्रिज समसामयिक, सामाजिक एवं आर्थिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है.
बीआरओ ने जोशीमठ के कुरकुटी-गमशाली– नीती सड़क तथा नीति पास मार्ग को मुख्यधारा से जोड़ने वाले बैली ब्रिज का पुनर्निर्माण किया है. इस ब्रिज को महज तीन दिन में बीआरओ ने बनाकर तैयार कर दिया है जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. बीआरओ ने दिन रात काम कर इस ब्रिज को तैयार कर दिया है. इस पुल के टूटने से भारत चीन सीमा पर 7 गांवों की आवाजाही के साथ सेना और आईटीबीपी को भारी दिक्कतें हो रही थीं, इस बैली ब्रिज को 3 दिन में तैयार कर वाहनों की आवाजाही सुचारू कर दिया है.
इस बारे में बात करते हुए कर्नल अंकुर महाजन कमांडर TF ने बताया कि कैलाशपुर स्थित इस पुल के निर्माण के बाद 17 अप्रैल को गिर्थी गंगा को पार करने के लिए बनाए गए वैकल्पिक मार्ग की अब भविष्य में जरूरत नहीं होगी, इस बैली ब्रिज के बनने पर भारत चीन सीमा में बसे द्वितीय रक्षा पंक्ति के लोगों ने बहुत बहुत आभार जताया.
इस दौरान मौके पर मौजूद शिवालिक परियोजना के मुख्य अभियंता ब्रिगेडियर प्रसन्ना जोशी ने कहा, सीमा सड़क संगठन के जोशीमठ कार्यक्षेत्र में 24 अन्य पुलों के निर्माण का कार्य प्रगति पर है. जिनके पूर्ण होने पर इस क्षेत्र में आम जनता, सेना, आईटीबीपी का आवागमन और सुचारू रूप से होने लगेगा. आदरणीय प्रधानमंत्री जी के द्वारा शिलान्यास किए हुए भारतमाला परियोजना के तहत माना-माना पास और जोशीमठ मलारी सड़क के चौड़ीकरण एवं सशक्तिकरण का कार्य भी जल्द ही शुरू होने वाला है.