बालासोर ट्रेन हादसा: कवच टेक्नोलॉजी होती तो टल सकता था हादसा, जानिए कैसे काम करता है ये सिस्टम

शुक्रवार दो जून को ओडिशा के बालासोर इलाके में एक बहुत ही बड़ी रेल दुर्घटना हुई. इस दुर्घटना में करीब 288 लोगों की मौत हो गई और 1000 यात्री घायल हो गए. लेकिन जल्द से जल्द लोगों को बेहतर तरीके से इलाज मुहैया कराया जा सके इसके लिए केन्द्र सरकार और राज्य सरकार आपस में मिलकर बेहतर तरीके से राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं.

शुक्रवार को पश्चिम बंगाल से हावड़ा से चेन्नई जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन करीब साढ़े तीन बजे रवाना हुई थी. लेकिन कुछ घंटों की यात्रा के बाद ही कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे की शिकार हो गई. बालासोर के बहनागा बाजार स्टेशन पर तीन ट्रेनों के बीच आपस में टक्कर हो गई. इस ट्रेन हादसे की जांच के दौरान एक महत्वपूर्ण बात सामने आई की इस ट्रेन रूट पर रेलवे से जुड़ी एक टेक्नोलॉजी कवच का प्रयोग नहीं हुआ था. यह कवच टेक्नोलॉजी क्या होती है इसको समझना बेहद जरूरी है. क्योंकि इस सिस्टम के आने के बाद कहा गया था की ये भारतीय रेलवे का कवच है यानी एकदम सुरक्षित सिस्टम है.

साल 2020 में नेशनल ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम के तौर पर कवच टेक्नोलॉजी की चर्चा शुरू हुई थी. इस कवच सिस्टम को RDSO के द्वारा तैयार किया गया था. साल 2022 से रेलवे में इसका औपचारिक तौर पर प्रयोग शुरू कर दिया गया था. इस सिस्टम के आने के बाद ट्रेन रूट पर इसे भारत का कवच कहा जाता था. केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के द्वारा इसकी शुरुआत की गई थी. केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के द्वारा यह बताया गया था की यह कवच टेक्नोलॉजी एक SIL -4 प्रमाणित टेक्नोलॉजी है. यह एक सेफ्टी का बेहद उच्च स्तरीय का टेक्नोलॉजी वाला सिस्टम है.

इसके प्रयोग करने से रेल दुर्घटना यानी ट्रेन का आपस में टकराने की संभावना बेहद कम या नहीं के बराबर होती है. इस सिस्टम को भारत में ही बनाया गया और उसे विकसित किया गया है. इसके प्रयोग के दौरान कई ट्रेन रूट पर काफी दुर्घटना को रोका गया. लेकिन रेलवे के सूत्र अधिकारी के मुताबिक ओडिशा के बालासोर इलाके में इसका प्रयोग नहीं किया गया था, जिसके चलते इतनी बड़ी दुर्घटना हुई है. इस सिस्टम के प्रयोग की अगर बात करें तो जब दो ट्रेनें एक ही पटरी पर आमने-सामने होती है तो कवच टेक्नोलॉजी के प्रयोग की वजह से दोनों की स्पीड एकदम कम हो जाती है और अपने आप धीरे-धीरे इंजन में ब्रेक लगना शुरू हो जाता है.

कवच टेक्नोलॉजी का कहां हुआ है प्रयोग
रेलवे मंत्रालय द्वारा कवच टेक्नोलॉजी का ट्रायल साल 2022 में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के सामने ही किया गया था उस वक्त इसका सफल ट्रायल लिंगमपल्ली-विकाराबाद सेक्शन (दक्षिण मध्य रेलवे) पर सबसे पहले किया गया उसके बाद कवच को दिल्ली- मुंबई, दिल्ली-हावड़ा, स्वर्णिम चतुर्भुज और स्वर्ण विकर्ण रूट पर इसका इसका इस्तेमाल किया गया. सूत्र ये भी बताते हैं की इस सिस्टम को पूरे देश भर के सारे रूट पर लगाने की तैयारी की जा रही है, लेकिन अभी सारे रेलवे रूट पर इसको लगाने में काफी वक्त लगेगा.

माना जा रहा है कि ओडिशा के बालासोर इलाके के रेलवे रूट पर भी अगर इसका प्रयोग किया जाता तो शायद इतनी बड़ी रेल दुर्घटना को रोका जा सकता था. साल 2022 में इस कवच टेक्नोलॉजी के तहत करीब 2000 किलोमीटर रेल नेटवर्क पर इस्तेमाल करने का लक्ष्य रखा गया था. उसके बाद हर साल करीब 4000 से लेकर 5000 किलोमीटर रेलवे नेटवर्क पर लगातार जोड़ने का लक्ष्य रेलवे मंत्रालय द्वारा रखा गया था. इस सिस्टम के बारे में बताया जाता है की इसे भारतीय रेलवे के करीब 35000 किलोमीटर के रेलवे रूट पर लगाने का टारगेट बनाया गया है.


Related Articles

Latest Articles

लोकसभा चुनाव 2024: कन्हैया कुमार ने उत्तर पूर्वी दिल्ली दाखिल किया नामांकन, मनोज तिवारी...

0
सोमवार (6 मई) को कांग्रेस नेता और जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल किया....

सीआईएससीई 10वीं, 12वीं परीक्षा का रिजल्ट जारी, ऐसे देखें अपना परिणाम

0
आज (सोमवार) 6 मई को काउंसिल फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) ने 10वीं और 12वीं बोर्ड का रिजल्ट जारी कर दिया है. बोर्ड...

दिल्ली के बाद अहमदाबाद के स्कूलों को मिली बम की धमकी, मची खलबली

0
अहमदाबाद के तीन स्कूलों में आज बम की धमकी मिली है. सोमवार 6 मई को ईमेल के जरिए स्कूलों को बम से उड़ाने की...

उत्तराखंड में खरपतवार जलाने पर पूरी तरह से रोक, सीएम धामी ने सीएस को...

0
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को जंगल की आग से निबटने के लिए सख्त निगरानी के निर्देश दिए हैं. सीएम...

तेजी फ़ैल रहा कोविड-19 का नया वेरिएंट ‘FLiRT’, जानें खतरा, लक्षण और बचाव

0
कोविड-19 का नया वेरिएंट चिंता का विषय बना हुआ है. FLiRT, जिसे B.1.12 के नाम से भी जाना जाता है, SARS-CoV-2 वायरस का एक...

उत्तराखंड के जंगलों में आग हो रही बेकाबू, 1000 हेक्टेयर से ज्यादा जंगल राख-5...

0
उत्तराखंड के जंगलों में आग बेकाबू होती जा रही है. धीरे-धीरे आग अल्मोड़ा और बागेश्वर समते प्रदेश के कई वन क्षेत्रों में पहुंच गई...

रांची: मंत्री आलमगीर के पीए के नौकर के घर मिला नोटों का पहाड़, देखें...

0
रांची| झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के सहायक के घर पर ईडी ने छापेमारी कर 20 करोड़ रुपये कैश...

राशिफल 06-05-2024: आज सोमवार को मेष से मीन कैसा रहेगा सब जातकों का दिन,...

0
मेष:आज का दिन लाभदायी रहेगा इसलिए मन में कुछ भी सीखने की ललक पैदा करें और आप जल्द ही सफल होंगे. अपने नेटवर्क को...

उत्तराखंड के जंगलों में आग लगाकर बनाई रील, वीडियो वायरल हुआ तो पड़े लेने...

0
उत्तराखंड के जंगलों में आग लगाकर रील बनाने का शौक बिहार के तीन युवकों को भारी पड़ गया. पुलिस ने तीनों युवकों को गिरफ्तार...

IPL 2024-PBKS Vs CSK: चेन्नई ने पंजाब को हराया, जडेजा रहे जीत के हीरो

0
रविवार को चेन्नई सुपर किंग्स ने धर्मशाला में खेले गए आईपीएल 2024 के 53वें मैच में पंजाब किंग्स को हराकर एक शानदार जीत दर्ज...