ये तीन सधे तो राजस्थान में खिल सकता है ‘कमल’, समझें बीजेपी का प्लान

रेगिस्तानी राज्य राजस्थान में 2023 में कमल खिलेगा या लोगों का साथ कांग्रेस के हाथ को मिलेगा या कोई और समीकरण देखने के लिए मिलेगा इसके लिए तो इस साल के अंत तक इंतजार करना होगा. लेकिन बीजेपी को लगता है कि तीन बड़े फैक्टर उसकी जीत में अहम हो सकते हैं.

सियासी लड़ाई में आप खुद कितने मजबूत हैं उससे भी अधिक यह समझना और परखना जरूरी है कि सामने वाला कितना मजबूत है. सियासी पिच पर वही दल कामयाब है जो अपनी मजबूती के साथ साथ विरोधी दल के बारे में भी आंकलन करता है. बात यहां राजस्थान की हो रही है, सचिन पायलट, कांग्रेस का हिस्सा बने रहेंगे या किसी और विकल्प के जरिए लोगों के बीच जाएंगे, फिलहाल संस्पेंस बना हुआ है.

हां, अगर वो खुद के लिए अलग रास्ता चुनते हैं तो उसमें बीजेपी को उम्मीद नजर आ रही है. बीजेपी को उम्मीद है कि सचिन पायलट और कांग्रेस के बागी ये दोनों फैक्टर 2023 के नतीजों में उसे जीत दिला सकते हैं. इसके पीछे बीजेपी के नेता मतों के अंकगणित और मतदाताओं की केमिस्ट्री का खास जिक्र कर रहे हैं.

बीजेपी के वरिष्ठ नेता के मुताबिक पूर्वी राजस्थान में 2018 में पार्टी को 26 सीटों पर नुकसान का सामना करना पड़ा था. 25 सीट कांग्रेस के खाते में और एक सीट निर्दलीय के खाते में गई. पारंपरिक तौर पर गुर्जर समाज का संबंध बीजेपी और मीना समाज का संबंध कांग्रेस से रहा है. लेकिन सचिन पायलट के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद गुर्जर समाज के दिलो दिमाग में यह धारणा बनी कि कांग्रेस के जीतने के बाद वो राज्य के सीएम होंगे. ऐसी सूरत में गुर्जर समाज ने थोक भाव में अपना समर्थन कांग्रेस को दिया जो बीजेपी की हार की प्रमुख वजह बनी.

इसी तरह पश्चिमी राजस्थान यानी कि रेगिस्तानी इलाके में राजपूत जोकि बीजेपी के कट्टर समर्थक माने जाते थे, वो आनंद पाल के एनकाउंटर के बाद पार्टी के खिलाफ गए. लेकिन अब बीजेपी को लगता है कि 2018 से लेकर 2023 के बीच बदलाव हुआ है, राजपूत समाज की सोच पार्टी को लेकर बदली है. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या सचिन पायलट के पार्टी बनाने से बीजेपी को फायदा होगा. बीजेपी का मानना है कि अगर पायलट नई पार्टी बनाते हैं तो उससे ज्यादा फायदा नहीं होगा. लेकिन अगर वो कांग्रेस का हिस्सा बने रहते हैं तो गुर्जर समाज को लगेगा कि उनके नेता के साथ धोखा हुआ है और वो कांग्रेस को वोट नहीं दे सकते हैं.

हालांकि बीजेपी के कुछ नेताओं का मानना है कि अगर पायलट नए दल का गठन करते हैं तो राजस्थान में लड़ाई त्रिकोणीय होगी और बीजेपी के विरोध में पड़ने वाले मतों में बंटवारा होगा.

बीजेपी का मानना है कि बागियों की समस्या का सामना करीब करीब हर दल को करना होगा. दरअसल बागी उम्मीदवारों को नया दल चुनने का विकल्प मिलेगा और इस वजह से वो भले ही चुनाव ना जीत सकें, हार में भागीदार होंगे. ऐसे तरह तरह के उदाहरण हैं जिसमें वो किसी क्षेत्रीय दल का हिस्सा बनकर चुनावी मैदान में उतरे और वोट के उस बड़े हिस्से में सेंध लगाने में कामयाब हुए जो निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर हासिल नहीं कर सकते थे.

बीजेपी का मानना है कि रेगिस्तानी राज्य में जीत हासिल करने के लिए पहले अपने घर को दुरुस्त करना होगा. पार्टी के अंदर शीर्ष स्तर पर जो मनभेद और मतभेद हैं उन्हें दूर करना होगा.

Related Articles

Latest Articles

हरियाणा की भाजपा सरकार अल्पमत में, तीन निर्दलीय विधायकों ने दिया झटका

0
चंडीगढ़| हरियाणा के सियासी गलियारे से बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां हरियाणा में तीन निर्दलीय विधायकों के बीजेपी से अलग होने के...

दिग्विजय सिंह का बड़ा ऐलान, कहा-ये मेरा आखिरी चुनाव

0
मंगलवार को कांग्रेस के कद्दावर नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बड़ा ऐलान कर दिया है. उन्होंने लोकसभा चुनाव के...

उत्तरप्रदेश: सीएम योगी अपनी जनसभा में बोले- राम पर आस्था रखने वाले विकास कर...

0
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को चुनाव प्रचार के सिलसिले में सीतापुर के नैमिषराण्य पहुंचे, और अपने भाषण की शुरुआत उन्होंने रामचरितमानस की पंक्तियों के...

चारधाम यात्रा: सात जिलों में बनी 130 पार्किंग, सत्तर हजार वाहन हो सकेंगे पार्क

0
इस बार चारधाम यात्रा के आयोजन में पुलिस प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाया है। 130 पार्किंग स्थलों को चिह्नित करके, उन्होंने यात्रियों के...

पुतिन ने रिकॉर्ड पांचवीं बार ली रूस के राष्ट्रपति पद की शपथ

0
मॉस्को|.... मंगलवार को व्लादिमीर पुतिन ने एक भव्य समारोह में रूस के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली. क्रेमलिन में हुए समारोह अगले पांच...

सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दिया केजरीवाल की जमानत याचिका पर कोई फैसला, बिना आदेश...

0
दिल्ली शराब घोटाले के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी अंतरिम जमानत की मांग को सुप्रीम कोर्ट में रखा था। उनकी...

चारधामयात्रा: 12 महिला रेस्क्यूर पहली बार एसडीआरएफ टीम में की गई शामिल, अलग-अलग पोस्टों पर...

0
एसडीआरएफ ने चारधाम यात्रा मार्गों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए 12 महिला रेस्क्यूर को अपनी टीम में शामिल किया है। उनके साथ...

उत्तराखंड: जंगल की आग बुझाने के लिए शासन प्रशासन ने झोंक पूरी ताकत, अब...

0
उत्तराखंड के जंगलों में बीते साल के नवम्बर माह से अब तक 910 से अधिक वनाग्नि की घटनाएं सामने आई हैं. इसके कारण 1...

हिमाचल प्रदेश बोर्ड का 10वीं का रिजल्ट जारी, 74.61% रहा परिणाम, टॉपर रही रिधिमा...

0
हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड ने अपना 10वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम घोषित किए हैं, जिनका परिणाम 74.61 फीसदी है। छात्र अब आधिकारिक वेबसाइट पर...

उत्तराखंड में दिन-प्रतिदिन फैलती जा रही जंगलों की आग, डराने लगी अब वनाग्नि

0
जंगलों में आग की चपेट में आया प्रदेश अब न केवल गाँवों को, बल्कि अब शहरी इलाकों को भी खतरे का सामना कर रहा...