खालिस्तानी समर्थक और वारिस पंजाब दे का मुखिया अमृतपाल सिंह अब पुलिस की गिरफ्त में है. 36 दिन से फरार चल रहे अमृतपाल ने आखिरकार पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर ही दिया. पुलिस ने उसे मोगा जिले के गुरुद्वारा से हिरासत में लिया. अब उसे असम के डिब्रूगढ़ जेल भेजे जाने की तैयारी है.
अमृतपाल इतना शातिर था कि वह लगातार 36 दिनों से पुलिस के पूरे नेटवर्क को चुनौती दे रहा था. वह लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा था, इतना ही नहीं समय-समय पर वीडियो भी जारी कर रहा था. ऐसे में उसे गिरफ्तार करना पंजाब पुलिस के लिए प्रतिष्ठा का भी सवाल बन गया था.
ऐसे में पंजाब पुलिस ने अमृतपाल को घुटने पर लाने के लिए वो तरीके अपनाए, जिससे उसके संगठन वारिस पंजाब दे की कमर ही टूट गई. आखिरकार उसे पुलिस के सामने सरेंडर करना ही पड़ा.
आगे 10 बिंदुओं में समझिए अमृतपाल के खिलाफ पुलिस के 10 बड़े एक्शन…
केंद्र से मिला समर्थन
अमृतपाल के खिलाफ कोई भी एक्शन लेने से पहले पंजाब को केंद्र का समर्थन मिलना जरूरी था. उधर, केंद्रीय एजेंसियों को पहले से ही अमृतपाल के खिलाफ देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के इनपुट मिले थे. ऐसे में सीएम भगवंत मान और गृहमंत्री शाह के बीच हुई मुलाकात में उन्हें केंद्र के पूरे सहयोग का आश्वासन मिला.
18 मार्च का एक्शन
पंजाब पुलिस ने अमृतपाल के खिलाफ एक्शन की शुरुआत 18 मार्च को की थी. यही उसके उभरते साग्राज्य के खिलाफ पुलिस की पहली कील थी. इसके बाद पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए पूरे पंजाब में छापेमारी की. कई समर्थकों को गिरफ्तार किया गया. हालांकि, अमृतपाल गिरफ्तार हो गया.
बलजीत कौर की गिरफ्तारी
अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने धीरे-धीरे उसके नेटवर्क को तोड़ना शुरू किया. पुलिस ने हरियाणा से बलजीत कौर को गिरफ्तारी किया. जानकारी के मुताबिक, 18 मार्च को फरार होने के बाद अमृतपाल 19 से 21 मार्च तक बलजीत के घर पर ही रुका था.
करीबियों पर एक्शन
अमृतपाल के फरार होने के बाद पुलिस ने पंजाब में उसके पूरे नेटवर्क को तोड़ना शुरू कर दिया. पुलिस ने अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह, उसके सोशल मीडिया मैनेजर भगवंत सिंह और लोकल नेटवर्क खड़ा करने में मदद करने वाले गुरमीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया था.
अमृतपाल पर लगाया गया NSA
पंजाब पुलिस ने अमृतपाल के फरार होने के बाद उसे भगोड़ा तो घोषित किया ही, इसके साथ ही उसके खिलाफ NSA जैसी गंभीर धारा भी लगा दी. इससे अमृतपाल की मुश्किलें बढ़ती चली गईं, जिसने अमृतपाल को सरेंडर करने के लिए मजबूर किया.
कई प्रदेशों में ताबड़तोड़ छापेमारी
अमृतपाल की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कई राज्यों में ताबड़तोड़ छापेमारी की. पुलिस ने उसके हर सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया. इसके साथ ही अमृतपाल के देश छोड़कर फरार होने की सूचना के बीच एयरपोर्टों पर भी चौकसी बढ़ा दी गई.
पप्पलप्रीत की गिरफ्तारी
पंजाब पुलिस ने 10 अप्रैल को अमृतपाल के खास सहयोगी पल्पलप्रीत को गिरफ्तार कर लिया. दोनों 28 मार्च तक साथ थे. पूछताछ के दौरान उसने स्वीकार किया कि 28 मार्च के बाद दोनों अलग हो गए. जानकारी के मुताबिक, पप्पलप्रीत सीधे आईएसआई के संपर्क में था.
जोगा सिंह की गिरफ्तारी
पुलिस ने 15 अप्रैल को अमृतपाल के एक और खास सहयोगी जोगा सिंह को गिरफ्तार किया था. उसे फतेहगढ़ साहिब जिले के सरहिंद से गिरफ्तार किया था.
पत्नी के खिलाफ एक्शन
पंजाब पुलिस ने अमृतपाल की पत्नी किरणदीप के खिलाफ भी एक्शन लिया. वह लंदन फरार होने की फिराक में थी. पुलिस ने उसे दो दिन पहले अमृतसर एयरपोर्ट पर पूछताछ की थी. पुलिस को शक है कि विदेशी फंडिंग में किरणदीप कौर का हाथ है और वह वारिस पंजाब दे के लिए धन जुटाने का काम करती है.

आखिर क्यों घुटने टेकने को मजबूर हुआ अमृतपाल! 10 प्वाइंट में समझिए
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