तेलंगाना की प्रमुख राजनीतिक पार्टी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) में अचानक बड़ा राजनीतिक संकट पैदा हो गया है. पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री केसीआर ने अपनी बेटी और विधान परिषद सदस्य के. कविता को पार्टी से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. यह कदम तब उठाया गया है जब कविता के कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों से लगातार पार्टी की छवि धुमिल हो रही थी. यही नहीं पार्टी हितों के खिलाफ उनके व्यवहार से पार्टी के आला अधिकारी भी काफी खफा थे. ऐसे में बड़ा एक्शन लेते हुए के कविता को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है.
बीआरएस के महासचिव टी. रविंदर राव और अनुशासन मामलों के प्रभारी सोमा भरत कुमार ने मीडिया को बताया कि केसीआर ने कविता के खिलाफ यह सख्त फैसला लिया है क्योंकि उनका हालिया व्यवहार और पार्टी के खिलाफ की गई गतिविधियां बीआरएस की प्रतिष्ठा और ताकत को नुकसान पहुंचा रही हैं. यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि यह निलंबन ऐसे समय हुआ है जब पार्टी के लिए राजनीतिक माहौल काफी संवेदनशील है.
बता दें कि एक दिन पहले ही तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने राज्य के कालेश्वरम परियोजना में कथित भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की जांच के लिए सीबीआई जांच का आदेश दिया था.
बीआरएस के कार्यकर्ताओं ने इस जांच के आदेश को लेकर कांग्रेस सरकार के फैसले का जोरदार विरोध किया है. पार्टी के नेताओं का मानना है कि यह सीबीआई जांच के आदेश केसीआर और बीआरएस नेतृत्व पर सुनियोजित हमला है. इसका मकसद पार्टी को कमजोर करने के साथ ही राजनीतिक दबाव बनाना भी है.
इस विवाद के बीच, के. कविता ने भी आरोप लगाया कि उनके खिलाफ यह कार्रवाई पार्टी प्रमुख केसीआर के खिलाफ एक राजनीतिक साजिश है, जिससे उनका और परिवार का राजनीतिक दबदबा कम हो सके.
बता दें कि कांग्रेस सांसद मंदादी अनिल कुमार यादव ने इस पूरे घटनाक्रम को “परिवार का बड़ा नाटक” करार दिया है. उन्होंने कहा कि यह विवाद तेलंगाना की जनता के सामने उस सच्चाई को उजागर करता है कि बीआरएस परिवार ने राज्य की संपदा का दुरुपयोग किया है और यह लड़ाई पार्टी के अगले अध्यक्ष पद को लेकर हो रही है.
सांसद का मानना है कि पार्टी के भीतर इस तरह के विवाद और संघर्ष से साफ पता चलता है कि बीआरएस में नेतृत्व के लिए घमासान मचा हुआ है और यह सब राजनीतिक उठापटक का हिस्सा है.
बीआरएस में के. कविता के निलंबन के बाद पार्टी की अंदरूनी राजनीति और ज्यादा पेचीदा हो गई है. यह देखना दिलचस्प होगा कि केसीआर और उनकी टीम इस विवाद को किस तरह संभालते हैं और पार्टी के भविष्य पर इसका क्या असर पड़ता है. साथ ही, सीबीआई जांच की दिशा भी बीआरएस और तेलंगाना राजनीति की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा सकती है.
बीआरएस में के. कविता का निलंबन सिर्फ एक राजनीतिक निर्णय नहीं, बल्कि पार्टी के भीतर परिवार और नेतृत्व की जटिलताओं का आईना है. यह घटना आने वाले वक्त में तेलंगाना की राजनीति में बड़े बदलाव और भविष्य के संघर्षों का संकेत भी हो सकती है.