अपने वतन वापस लौटा बीएसएफ जवान पूरन कुमार, परिवार ने दिया पीएम मोदी को धन्यवाद

बीएसएफ जवान पूरन कुमार शॉ, जो 23 अप्रैल को गलती से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंच गए थे, उन्हें बुधवार सुबह करीब 10:30 बजे पाकिस्तानी रेंजर्स ने भारत को सौंप दिया. अटारी-वाघा बॉर्डर पर जवान की वापसी के बाद उनके परिवार में खुशी का माहौल है.

भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को एक ‘समझौता’ हुआ, जिसके तहत दोनों देशों ने सैन्य कार्रवाई को रोकने पर सहमति जताई थी. इससे पहले 7 मई को भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” चलाकर पाकिस्तान और पीओके में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया था. इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की ओर से सीमा पर तनाव बढ़ गया था.

जवान के पिता भोलानाथ शॉ ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सभी मंत्रियों और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का धन्यवाद करता हूं. हम खुश हैं कि हमारा बेटा भारत लौट आया है. मैं चाहता हूं कि वो फिर से देश की सेवा करे.”
जवान की पत्नी रजनी शॉ ने भी फिरोजपुर में बीएसएफ अधिकारियों से मिलकर मदद की गुहार लगाई थी. अधिकारियों ने उन्हें भरोसा दिया था कि वो जवान को हर हाल में भारत वापस लाएंगे.

पाकिस्तान की ओर से कई बार जवाब दिया गया कि उन्हें ‘ऊपर से आदेश’ नहीं मिला है. लेकिन 10 मई के समझौते के बाद आखिरकार पाकिस्तान ने पूरन कुमार को रिहा कर दिया.
सेना के अनुसार तय प्रक्रियाओं के तहत हुई वापसी बीएसएफ अधिकारियों ने बयान में कहा, “पूरन कुमार शॉ को पाकिस्तान रेंजर्स ने 14 मई को सुबह करीब 10:30 बजे अटारी में भारत को सौंपा. यह प्रक्रिया शांतिपूर्ण तरीके से और तय नियमों के तहत पूरी की गई.”

सीमा पार करने की घटनाएं अकसर गलती से हो जाती हैं और आमतौर पर दोनों देशों की सेनाएं आपसी बातचीत से मामला सुलझा लेती हैं. लेकिन इस बार हालात काफी तनावपूर्ण थे. 26 लोगों की जान लेने वाले पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सख्त जवाब देते हुए सैन्य कार्रवाई की थी.

पूरन कुमार शॉ की सुरक्षित वापसी से जहां उनका परिवार राहत की सांस ले रहा है, वहीं उनके पिता ने साफ कहा कि वो चाहते हैं कि उनका बेटा फिर से देश की रक्षा में जुटे.

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