भारत-भूटान रेल कनेक्टिविटी के प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल चुकी है. केंद्र सरकार ने 4 हजार करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी है. भारत-भूटान रेल परियोजना को चार वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा.
इन परियोजनाओं से न सिर्फ दोनों देशों के बीच संपर्क बढ़ेगा, बल्कि व्यापार, पर्यटन और लोगों की आवाजाही भी आसान हो जाएगी. सबसे खास बात, अब आप ट्रेन से सीधे भूटान जा सकेंगे. पश्चिम बंगाल में हासीमारा तक ट्रेन थी, अब यह सीधे भूटान के गालेफू तक चलेगी. अब तक हा पहला प्रोजेक्ट असम के कोकराझार से भूटान के गालेफू तक रेल लाइन बिछाने का है. 69 किलोमीटर लंबी इस लाइन पर 3,456 करोड़ रुपये खर्च होंगे. दूसरा प्रोजेक्ट पश्चिम बंगाल के बनरहाट से भूटान के समत्से को जोड़ने के लिए है। इसकी लंबाई 20 किलोमीटर होगी और इस पर 577 करोड़ रुपये की लागत आएगी.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने फैसले की जानकारी देते हुए कहा, भारत और भूटान के रिश्ते लगातार मजबूत हो रहे हैं. भारत,भूटान का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और उसके अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भारतीय बंदरगाह अहम भूमिका निभाते हैं. भूटान के समत्से और गालेफू बड़े एक्सपोर्ट-इंपोर्ट हब हैं,जो भारत-भूटान की करीब 700 किलोमीटर लंबी सीमा को जोड़ते हैं. भारत ने भरोसा दिया है कि भूटान के इन आर्थिक केंद्रों को बेहतर कनेक्टिविटी देने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे.
यह भूटान में बनने वाला पहला रेल प्रोजेक्ट है,जो भारत से सीधा जोड़ेगा. लोगों और सामान की आवाजाही पहले से कहीं आसान हो जाएगी. इस प्रोजेक्ट से इलाके के लोगों के लिए रोजगार और आर्थिक अवसर बढ़ेंगे. गालेफू को एक माइंडफुलनेस सिटी (शांतिपूर्ण और आधुनिक शहर) के रूप में विकसित किया जा रहा है,जिससे पर्यटन और निवेश को बढ़ावा मिलेगा.