दिल्ली सरकार ने राजधानी में आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी, रेबीज़ संक्रमण और इंसानों व कुत्तों के बीच टकराव को रोकने के लिए नई और सख्त गाइडलाइन जारी की है. सरकार का कहना है कि इन नियमों से न केवल रेबीज़ जैसी घातक बीमारी पर काबू पाया जा सकेगा, बल्कि कुत्तों और इंसानों के बीच सामंजस्य भी बढ़ेगा.
गाइडलाइन
नई गाइडलाइन में कई अहम प्रावधान शामिल किए गए हैं, जिनका पालन अब अनिवार्य होगा:
- ABC प्रोग्राम की जिम्मेदारी – अब केवल AWBI (Animal Welfare Board of India) मान्यता प्राप्त एनजीओ ही नसबंदी और टीकाकरण का काम करेंगे. इसमें प्रशिक्षित डॉक्टर और स्टाफ की मौजूदगी जरूरी होगी.
- ABC सेंटर की सुविधाएँ – हर सेंटर में क्वारंटीन केनेल, ऑपरेशन थिएटर, वैन, इन्सीनेरेटर, CCTV और सभी कुत्तों का विस्तृत रिकॉर्ड रखना अनिवार्य होगा.
- निगरानी और जवाबदेही – हर वार्ड स्तर पर मॉनिटरिंग कमेटी बनेगी, जो हर महीने प्रगति की समीक्षा करेगी. साथ ही, हर साल की रिपोर्ट AWBI को भेजी जाएगी.
- फीडिंग प्वाइंट्स तय – हर वार्ड में कुत्तों के खाने के स्थान निर्धारित किए जाएंगे. अन्य जगहों पर खिलाने पर रोक होगी और साफ-सफाई बनाए रखना अनिवार्य रहेगा.
- जागरूकता अभियान – लोगों को कुत्तों के व्यवहार, नसबंदी, टीकाकरण और जिम्मेदार पालतू पालन के बारे में शिक्षित करने के लिए विशेष अभियान चलेंगे.
- पालतू कुत्तों का पंजीकरण – तीन माह से अधिक उम्र के हर पालतू कुत्ते का वार्षिक पंजीकरण और रेबीज़ टीकाकरण अनिवार्य किया गया है. भारतीय नस्ल को अपनाने वालों को फीस माफी और मुफ्त नसबंदी/टीकाकरण की सुविधा मिलेगी.
- बीमार व आक्रामक कुत्तों की व्यवस्था – ऐसे कुत्तों के लिए अलग शेल्टर बनाए जाएंगे. रेबीज़ पॉजिटिव पाए जाने पर वैज्ञानिक तरीके से शव निपटान होगा.
- जनसुविधा के उपाय – हर स्थानीय निकाय में 24×7 हेल्पलाइन और ऑनलाइन पोर्टल होगा. शिकायतों का रजिस्टर और समाधान की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी.
- कानूनी प्रावधान – किसी भी कुत्ते को मारना या उसे उसके इलाके से हटाना पूरी तरह गैरकानूनी होगा. नियम तोड़ने पर सख्त कार्रवाई होगी.
दिल्ली सरकार का कहना है कि इन गाइडलाइन से तीन बड़े उद्देश्यों को पूरा किया जाएगा
- रेबीज़ जैसी बीमारी का उन्मूलन
- आवारा कुत्तों की आबादी पर प्रभावी नियंत्रण
- इंसानों और कुत्तों के बीच टकराव में कमी
दिल्ली में बढ़ते विवाद और रेबीज़ संक्रमण की चुनौतियों को देखते हुए यह गाइडलाइन बेहद अहम साबित हो सकती है. अगर इन नियमों का सख्ती से पालन किया गया तो न केवल इंसानों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि कुत्तों के लिए भी एक सुरक्षित और मानवीय वातावरण तैयार किया जा सकेगा.