भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 13 जून को समाप्त हुए हफ्ते में 2.29 बिलियन डॉलर बढ़कर 698.95 बिलियन डॉलर हो गया है. यह जानकारी आरबीआई द्वारा शुक्रवार को जारी किए गए डेटा में दी गई.
इस हफ्ते हुई वृद्धि के साथ ही विदेशी मुद्रा भंडार में अपने ऑल-टाइम हाई के करीब पहुंच गया है. फॉरेक्स का अब तक का सबसे उच्चतम स्तर 704.885 बिलियन डॉलर था, जो कि सितंबर के अंत में रिकॉर्ड किया गया था.
इससे पहले 6 जून को समाप्त हुए हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 696.66 बिलियन डॉलर पर था.
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के मुताबिक, 13 जून को समाप्त हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार के एक प्रमुख घटकों में से एक विदेशी मुद्रा आस्तियां की वैल्यू 1.73 बिलियन डॉलर बढ़कर 589.42 बिलियन डॉलर हो गई है.
आरबीआई के अनुसार, सप्ताह के दौरान देश के विदेशी मुद्रा भंडार में मौजूद सोने की वैल्यू 428 मिलियन डॉलर से बढ़कर 86.32 बिलियन डॉलर हो गई है. भू-राजनीतिक तनावों से पैदा हुई अनिश्चितता के बीच दुनिया भर के केंद्रीय बैंक अपने विदेशी मुद्रा भंडार में सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने को जमा कर रहे हैं. आरबीआई ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए सोने की हिस्सेदारी को 2021 से लगभग दोगुना कर लिया है.
समीक्षा अवधि के दौरान विशेष आहरण अधिकार की वैल्यू 85 मिलियन डॉलर बढ़कर 18.76 बिलियन डॉलर हो गई. आईएमएफ के साथ भारत की आरक्षित स्थिति की वैल्यू भी 13 जून को सप्ताह में 43 मिलियन डॉलर बढ़कर 4.45 बिलियन डॉलर हो गई है.
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने जून की शुरुआत में मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद कहा कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 30 मई को समाप्त हुए सप्ताह में 691.5 बिलियन डॉलर था और यह 11 महीने से अधिक के माल आयात और लगभग 96 प्रतिशत बाहरी लोन को फंड करने के लिए पर्याप्त है.
आरबीआई के गवर्नर ने कहा कि भारत का एक्सटर्नल सेक्टर मजबूत बना हुआ है, क्योंकि एक्सटर्नल सेक्टर के प्रमुख संकेतकों में सुधार जारी है. हमें अपनी एक्सटर्नल फंडिंग आवश्यकताओं को पूरा करने का भरोसा है.