‘जीएसटी 2.0’ को लेकर पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से जनता के लिखा नाम खत, जानिए क्या कुछ कहा

जिस बात का पूरे देश को इंताजर था आखिरकार वो पल आ ही गया. केंद्र सरकार की ओर से लंबे समय से प्रतीक्षित ‘जीएसटी 2.0’ प्रणाली सोमवार, नवरात्रि के पहले दिन से पूरे देश में लागू कर दी गई है. इसे भारत के टैक्स सिस्टम में एक “नेक्स्ट जनरेशन रिफॉर्म” माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य कर संरचना को सरल बनाना और उपभोक्ताओं के साथ-साथ व्यापारियों को राहत देना है. खास बात यह है कि इस रिफॉर्म के लागू होने के ठीक एक दिन पहले पीए मोदी ने देश को संबोधित किया. वहीं इसके लागू होने के बाद एक बार फिर पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से जनता के नाम एक खत भी लिखा. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कुछ कहा.

आम आदमी को राहत, विलासिता पर सख्ती
जीएसटी 2.0 के तहत अब मुख्य रूप से दो प्रमुख टैक्स स्लैब रहेंगे:

  • 5 फीसदी टैक्स – रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुएं जैसे अनाज, सब्जी, दवाइयां, साबुन, टूथपेस्ट आदि
  • 18% और 40% टैक्स – विलासिता की वस्तुएं और स्वास्थ्य पर हानिकारक उत्पाद (जैसे तंबाकू, शराब आदि)

इसके अलावा, हेल्थ इंश्योरेंस को अब जीएसटी से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया है, जो खासकर मध्यम वर्ग और वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक बड़ी राहत है.

प्रधानमंत्री मोदी का जनता के नाम पत्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस नए टैक्स रिफॉर्म को ‘GST बचत महोत्सव’ करार देते हुए कहा कि यह कदम भारत को आर्थिक आत्मनिर्भरता और स्वदेशी निर्माण (मेड इन इंडिया) की दिशा में मजबूती देगा.
उन्होंने लिखा: “यह नवरात्रि विशेष है। जीएसटी बचत महोत्सव के साथ, स्वदेशी के मंत्र को और बल मिलेगा.”

यही नहीं उन्होंने आगे कहा – यह सुधार देश के किसान, महिलाएं, युवा, मध्यम वर्ग, व्यापारी और लघु उद्योगों के लिए लाभकारी साबित होगा.

Before और After की झलक, सस्ती हुईं कई वस्तुएं
सरकार का दावा है कि नई व्यवस्था से कई वस्तुएं सस्ती हुई हैं. पीएम मोदी ने बताया कि कई दुकानदार अब ‘Before and After’ बोर्ड लगाकर ग्राहकों को यह दिखा रहे हैं कि एक ही सामान पर पहले कितना टैक्स लगता था और अब कितना कम हो गया है. इससे उपभोक्ताओं में विश्वास भी बढ़ रहा है.

व्यापारियों और लघु उद्योगों के लिए वरदान
सरकार का कहना है कि जीएसटी 2.0 के जरिए व्यापार करना आसान होगा. पेचीदा फॉर्म, अलग-अलग टैक्स दरें और कागजी कार्यवाही अब पहले से सरल होंगी. इससे लघु और कुटीर उद्योगों को विशेष सहूलियत मिलेगी.

टैक्स सुधारों की नई दिशा
2017 में शुरू हुई जीएसटी यात्रा अब एक नए चरण में प्रवेश कर चुकी है. जीएसटी 2.0 को जहां टैक्स प्रणाली के सरलीकरण के रूप में देखा जा रहा है, वहीं यह आम जनता की क्रय शक्ति बढ़ाने और घरेलू निर्माण को बढ़ावा देने के लिए भी एक निर्णायक कदम है.

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