चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों पर सख्त टिप्पणी की है. चुनाव आयोग ने कांग्रेस सांसद को पत्र लिखकर कहा कि जिन मतदाताओं के नाम, पता और पहचान को लेकर उन्होंने धांधली के आरोप लगाए हैं तो वे उसके प्रमाण के साथ शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करें नहीं तो अपना बयान वापस लें और जनता को गुमराह करना बंद करें. इस पर राहुल गांधी ने कहा कि वे नेता हैं, उन्होंने जो सार्वजनिक रूप से कह दिया है, उसे ही शपथ माना जाए.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी पत्र में आठ अगस्त को दोपहर 1 बजे से तीन बजे के बीच राहुल गांधी से मुलाकात की अनुमति दी गई है. पत्र में साफ किया गया कि एसएसआर 2025 का ड्राफ्ट और फाइनल वोटल लिस्ट कांग्रेस को नवंबर 2024 और जनवरी 2025 में दी गई थी. बावजूद इसके कांग्रेस द्वारा प्रथम या फिर द्वितीय स्तर की आपत्ति या अपील दायर नहीं की गई.
आयोग द्वारा जारी घोषणा पत्र में राहुल को साफ करना होगा कि वे किन नामों को फर्जी मानते हैं. उनका पार्ट नंबर और सीरियल नंबर क्या है और ये भी वे ये सभी बयान निजी जानकारी से दे रहा है. आयोग ने कहा कि राहुल गांधी अगर झूठी जानकारी दे रहे हैं तो उनके खिलाफ आरपी एक्ट 1950 की धारा 31 और बीएनएस संहिता 2023 की धारा 227 के तहत कानूनी कार्रवाई हो सकती है.
कर्नाटक सीईओ द्वारा जारी पत्र पर राहुल गांधी ने कहा कि मैं एक नेता हूं. मैं जनता से जो कहता हूं, वही मेरे शब्द हैं. सार्वजनिक रूप से सबके सामने मैं ये बातें कह रहा हूं. इसको ही आप मेरी शपथ मानिए. राहुल गांधी ने आगे कहा कि वे जिन आंकड़ों का जिक्र कर रहे हैं. वह उनका नहीं है बल्कि चुनाव आयोग का है. हम वही डाटा दिखा रहे हैं जो आयोग का है. मजे की बात है कि आयोग इन आंकड़ो का खंडन नहीं कर रहा है. उन्होंने ये क्यों नहीं कहा कि राहुल जिन मतदाता सूचियों की बात कर रहे हैं कि वह गलत है. क्योंकि आप सच जानते हैं. आप सच्चाई जानते हैं कि हम जानते हैं कि आयोग ने यही काम पूरे देश में किया है.