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ज्योति मल्होत्रा जासूसी कांड में आया नया मोड़, सामने आई ये अहम जानकारी

सोशल मीडिया की दुनिया में सक्रिय यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. हरियाणा के हिसार की रहने वाली ज्योति की गिरफ्तारी के बाद जांच में एक के बाद एक चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं. पुलिस और खुफिया एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई के तहत उससे पूछताछ जारी है और हर दिन नए-नए राज खुल रहे हैं। यही नहीं अब ज्योति मल्होत्रा का इंस्टा अकाउंट भी निलंबित कर दिया गया है.

इंस्टा अकाउंट हुआ बंद
पाकिस्तानी जासूस ज्योति मल्होत्रा को लेकर एक और बड़ी जानकारी सामने आ रही है. दरअसल इस सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर का इंस्टा अकाउंट भी बद कर दिया गया है. ज्योति के अकाउंट पर विजिट करने पर क्षमा करें ये पेज उलब्ध नहीं है..लिखा हुआ आता है. दरअसल सुरक्षा एजेंसियों को लगता है कि ज्योति अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए कुछ गुप्त वीडियो के साथ जरूरी जानकारी पाकिस्तान में भेज सकती है. ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से उसका अकाउंट सस्पेंड कर दिया गया है.

ज्योति का इंस्टा अकाउंट “ट्रैवल विद जो” अब बंद हो चुका है. उसकी गिरफ्तारी के दौरान पूछताछ में उसने कई राज उगले हैं. बता दें कि ज्योति कई आलीशान होटलों में रुकने के साथ विदेश यात्राएं करती रहती थी.

पहलगाम हमले से पहले पाकिस्तान का दौरा
जांच में सबसे चौंकाने वाला तथ्य जो सामने आया है वह यह कि ज्योति मल्होत्रा अप्रैल 2025 में हुए पहलगाम आतंकी हमले से पहले पाकिस्तान गई थी। यही नहीं, वह हमला होने से कुछ सप्ताह पहले खुद पहलगाम भी गई थी। यह संयोग मात्र नहीं हो सकता, ऐसा कहना है जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी शेष पॉल वैद्य का। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में सवाल उठाया कि क्या ये यात्राएं महज संयोग थीं, या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश छिपी थी?

हनी ट्रैप में फंसी थी ज्योति
पूर्व डीजीपी के अनुसार, ज्योति को पाकिस्तानी उच्चायोग के एक कर्मचारी “दानिश” ने हनी ट्रैप में फंसाया था। माना जा रहा है कि दानिश पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से जुड़ा हुआ है। जांच एजेंसियों का मानना है कि ज्योति इस ट्रैप में फंसने के बाद भारत से जुड़ी संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान को भेज रही थी।

चीन यात्रा भी बनी जांच का हिस्सा
ज्योति मल्होत्रा की पाकिस्तान यात्रा के अलावा, उसकी चीन यात्रा भी अब खुफिया एजेंसियों के रडार पर है। एसपी शशांक कुमार सावन के अनुसार, वह चीन की भी यात्रा कर चुकी है, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वह वहां क्यों गई थी। हालांकि इस दिशा में गहन जांच चल रही है और चीन के साथ किसी प्रकार की खुफिया साझेदारी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

जांच एजेंसियों को शक है कि ज्योति को एक संगठित साजिश के तहत ISI द्वारा तैयार किया जा रहा था ताकि वह भारत में रहकर खुफिया जानकारी एकत्र करे और पाकिस्तान को दे सके।

जासूसी नेटवर्क का विस्तार और एजेंसियों की सतर्कता
इस मामले ने खुफिया एजेंसियों को और अधिक सतर्क कर दिया है। अब उन लोगों पर विशेष नजर रखी जा रही है, जो पाकिस्तान, चीन या अन्य संदिग्ध देशों के उच्चायोगों या दूतावासों का बार-बार दौरा करते हैं। पूर्व डीजीपी वैद्य का मानना है कि सोशल मीडिया पर सक्रिय प्रभावशाली लोगों को अब निशाना बनाया जा रहा है, क्योंकि उनकी पहुंच और जानकारी का दायरा व्यापक होता है।

इस मामले ने यह भी दिखाया है कि कैसे हनी ट्रैप और डिजिटल नेटवर्किंग का इस्तेमाल कर जासूसी जैसे गंभीर अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है।

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