बिहार विधानसभा चुनाव आने वाले हैं. चुनाव के ऐलान से पहले ही एनडीए के बीच सीट शेयरिंग पर अंतिम सहमति बन गई है. नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे के दौरान, सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर मुहर लग चुकी है, हालांकि, अब तक आधिकारिक रूप से इसकी घोषणा नहीं हुई है. उम्मीद है कि एनडीए जल्द ही सीटों का ऐलान कर सकती है.
बिहार चुनाव के लिए ऐसा है सीट शेयरिंग फॉर्मूला
सूत्रों के अनुसार, जदयू बिहार में सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. बिहार की 102 सीटें जदयू के खाते में गई है. वहीं, 101 सीटों पर भाजपा अपने उम्मीदवार उतारेगी. इसके बाद चिराग पासवान की एलजेपी (आर) को 20 सीटें दी गईं हैं. एनडीए में शामिल हम को 10 और आरएलएम को 10 सीटें मिली हैं. हालांकि, अब तक ये साफ नहीं हो पाया है कि कौन सी पार्टी किस सीट पर चुनाव लड़ेगी.
पिछली बार से कम सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं भाजपा-जदयू
2020 विधानसभा चुनाव के मुकाबले भाजपा और जदयू कम सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं. पिछले चुनाव में भाजपा ने 110 सीटों पर ताल ठोकी थी, जिसमें से 74 सीटों पर भाजपा को जीत मिली. वहीं, जदयू ने पिछले चुनाव में 115 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन पार्टी सिर्फ 43 सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई. इस बार जदयू 102 और भाजपा 101 सीटों पर चुनाव लड़ रहीं हैं.
नीतीश कुमार बड़े भाई के रोेल में
2024 के आम चुनावों में भाजपा ने 17, जदयू ने 16, एलजेपी ने 5 और जीतन राम मांझी की हम और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने एक-एक सीट पर चुनाव लड़ा था. विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार भाजपा से एक अधिक सीट पर चुनाव लड़ रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि नीतीश कुमार विधानसभा चुनाव में एनडीए के लिए बड़े भाई की भूमिका निभा रहे हैं.
बिहार में जीत के लिए 122 सीटें आवश्यक
बिहार विधानसभा में 243 सीटें हैं, जिनमें से जीत के लिए 122 सीटों जीतना आवश्यक है. वर्तमान में एनडीए के पास विधानसभा में 131 सदस्यों का समर्थन है और विपक्ष के पास सिर्फ 112 विधायकों का समर्थन है.