केंद्र ने शुरू की तैयारी: एक जुलाई से ऑफिसों में बदल सकता है वर्किंग शेड्यूल, नए सिस्टम में यह होंगे बदलाव

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अब ऑफिस में काम करने का तरीका बदल सकता है. अभी तक हमारे देश में आमतौर पर सोमवार से शुक्रवार या शनिवार तक वर्किंग टाइम रहता है. अगले महीने एक जुलाई से ऑफिस में काम करने के सिस्टम में बदलने की तैयारी शुरू हो गई है. सरकार अब चारों लेबर कोड में बदलाव करने जा रही है. इससे सप्ताह में 4 दिन काम के बाद 3 दिन की छुट्टी मिलेगी. केंद्र सरकार 1 जुलाई से नए लेबर कोड लागू कर सकती है. यदि ऐसा होता है तो कर्मचारियों को रोजाना 12 घंटे तक काम करना पड़ सकता है. नए लेबर कोड लागू होने के बाद नियम के मुताबिक आपको ओवरटाइम के घंटों को भी एक तिमाही में 50 घंटे से बढ़ाकर 125 घंटे कर दिया गया है. एक अन्य अहम बदलाव काम के घंटों और साप्ताहिक छुट्टियों को लेकर होगा. खबरों के अनुसार, सरकार ने ड्राफ्ट में फोर-डे वर्क वीक का प्रस्ताव दिया है. इसका मतलब हुआ कि सप्ताह में चार दिन काम पर जाना होगा और तीन दिन छुट्टियां मिलेंगी. वहीं दूसरी ओर इसका नुकसान ये होगा कि हर रोज 12-12 घंटे काम करने होंगे. सरकार का प्रस्ताव है कि सप्ताह में एक कर्मचारी को कम से कम 48 घंटे काम करने ही होंगे. इसी तरह अर्न्ड लीव को लेकर भी बड़े बदलाव होने जा रहे हैं.

इसके अलावा बेसिक सैलरी कुल वेतन का 50% या अधिक होना चाहिए. इससे ज्यादातर कर्मचारियों की वेतन का स्ट्रक्चर बदल जाएगा, बेसिक सैलरी बढ़ने से पीएफ और ग्रेच्युटी का पैसा ज्यादा पहले से ज्यादा कटेगा. पीएफ बेसिक सैलरी पर आधारित होता है. पीएफ बढ़ने पर टेक-होम या हाथ में आने वाली सैलरी कम हो जाएगी. इस कोड में लीव पॉलिसी और सेफ एन्वायर्नमेंट तैयार करने की कोशिश की गई है. इस कोड के लागू होने के बाद 240 के बजाय 180 दिन काम के बाद ही लेबर छुट्टी पाने की हकदार बन जाएगी. इसके अलावा किसी कर्मचारी को कार्यस्थल पर चोट लगने पर कम से कम 50% मुआवजा मिलेगा. इसमें 1 सप्ताह में अधिकतम 48 घंटे काम का भी प्रावधान शामिल है. यानी 12 घंटे की शिफ्ट वालों को सप्ताह में 4 दिन काम करने की छूट होगी. इसी तरह 10 घंटे की शिफ्ट वालों को 5 दिन और 8 घंटे की शिफ्ट वालों को सप्ताह में 6 दिन काम करना होगा.

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