अमेजन और फ्लिपकार्ट के वेयरहाउस पर रेड, छापे में हजारों बिना प्रमाणित प्रोडक्ट्स जब्त

ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म्स पर बिना प्रमाणित प्रोडक्ट्स की बिक्री पर सख्ती बढ़ाते हुए भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने अमेज़न, फ्लिपकार्ट समेत कई ई-कॉमर्स कंपनियों के गोदामों पर छापेमारी की है. इस कार्रवाई में हजारों ऐसे कंज्यूमर प्रोडक्ट जब्त किए गए, जिनके पास अनिवार्य भारतीय मानक ब्यूरो सर्टिफिकेशन नहीं था. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी.

भारतीय मानक ब्यूरोकी टीम ने 7 मार्च को लखनऊ स्थित अमेज़न के वेयरहाउस पर छापा मारा, जहां से 215 खिलौने और 24 हैंड ब्लेंडर जब्त किए गए, जो अनिवार्य भारतीय मानक ब्यूरो सर्टिफिकेशन के बिना बेचे जा रहे थे. इससे पहले फरवरी में गुरुग्राम स्थित अमेज़न गोदाम से 58 एल्युमिनियम फॉयल, 34 मेटैलिक वाटर बॉटल, 25 खिलौने, 20 हैंड ब्लेंडर, 7 PVC केबल, 2 फूड मिक्सर और 1 स्पीकर जब्त किया गया था.

भारतीय मानक ब्यूरो ने गुरुग्राम में फ्लिपकार्ट के गोदाम पर भी छापेमारी की, जिसे Instakart Services Pvt Ltd संचालित कर रहा था. यहां से 534 स्टेनलेस स्टील वैक्यूम इंसुलेटेड बॉटल, 134 खिलौने और 41 स्पीकर जब्त किए गए, जो सुरक्षा मानकों का पालन नहीं कर रहे थे.

जांच में सामने आया कि इन गैर-प्रमाणित उत्पादों में से कई Techvision International Pvt Ltd से जुड़े हैं. इसके बाद कंपनी के दिल्ली स्थित दो गोदामों पर छापे मारे गए, जहां से करीब 7,000 इलेक्ट्रिक वाटर हीटर, 4,000 इलेक्ट्रिक फूड मिक्सर, 95 इलेक्ट्रिक रूम हीटर और 40 गैस स्टोव जब्त किए गए.

इनमें Digismart, Activa, Inalsa, Cello Swift और Butterfly जैसे ब्रांड्स के प्रोडक्ट शामिल थे. मंत्रालय के अनुसार, BIS पहले ही Techvision International के खिलाफ भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 2016 के तहत दो कोर्ट केस दर्ज कर चुका है, और अन्य मामलों पर भी कानूनी कार्रवाई जारी है.

भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम के तहत कम से कम 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है, जो बेचे गए गैर-मानक उत्पादों की कीमत के 10 गुना तक बढ़ सकता है. गंभीर मामलों में 2 साल तक की जेल का भी प्रावधान है.

भारतीय मानक ब्यूरो ने अमेज़न, फ्लिपकार्ट, मीशो, मिंत्रा और बिगबास्केट जैसी बड़ी ऑनलाइन कंपनियों को नोटिस भेजकर सख्त निर्देश दिए हैं कि वे केवल भारतीय मानक ब्यूरो प्रमाणित उत्पाद ही बिक्री के लिए सूचीबद्ध करें.

BIS के अनुसार, कई गैर-प्रमाणित उत्पाद ISI मार्क के बिना या फर्जी ISI नंबर के साथ बेचे जा रहे हैं, जिससे ग्राहकों की सुरक्षा को गंभीर खतरा है. इस तरह के प्रोडक्ट स्वतंत्र थर्ड-पार्टी टेस्टिंग से नहीं गुजरते, जिससे उनकी गुणवत्ता और सुरक्षा पर सवाल उठते हैं.

BIS ने ग्राहकों से अपील की है कि वे BIS Care App का उपयोग करके किसी भी प्रोडक्ट का प्रमाणन सत्यापित करें और गैर-मानक प्रोडक्ट्स की शिकायत दर्ज करें.

BIS ने साफ किया है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा, ताकि उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा हो सके और बाजार में सुरक्षा मानकों का पालन हो. सरकार का यह कदम ऑनलाइन मार्केट में मिलावटी और घटिया प्रोडक्ट्स की बिक्री पर लगाम लगाने की दिशा में अहम साबित हो सकता है.

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