केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने विद्यार्थियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए एक अहम कदम उठाया है. बोर्ड ने अपने सभी संबद्ध स्कूलों को हाई-रेजोल्यूशन सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश जारी किया है. यह फैसला सीबीएसई के संबद्धता उपनियम 2018 के अध्याय 4 भौतिक अवसंरचना में संशोधन के तहत लिया गया है.
कहां-कहां लगाए जाएंगे सीसीटीवी कैमरे?
सीबीएसई सचिव हिमांशु गुप्ता द्वारा जारी पत्रों में सभी स्कूलों को साफ तौर पर कहा गया है कि यह निर्देश विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लागू किया गया है. बोर्ड ने कहा कि स्कूल परिसरों में ऐसे सभी स्थानों को सीसीटीवी निगरानी के दायरे में लाया जाएगा, जहां छात्रों की आवाजाही होती है.
इन स्थानों में स्कूल के एंट्री और एग्जिट गेट, लॉबी, सीढ़ियां (स्टेयर्स), कक्षाएं, प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय (लाइब्रेरी), कैंटीन, स्टोर रूम, खेल मैदान सहित अन्य सार्वजनिक क्षेत्र शामिल हैं. केवल शौचालयों को इस निगरानी से बाहर रखा गया है, जिससे छात्रों की निजता बनी रहे.
रिकॉर्डिंग की सुविधा होनी चाहिए
सीबीएसई ने यह भी स्पष्ट किया है कि लगाए जाने वाले सभी सीसीटीवी कैमरों में वीडियो और ऑडियो दोनों की रिकॉर्डिंग की सुविधा होनी चाहिए. साथ ही, यह भी अनिवार्य किया गया है कि कैमरों में कम से कम 15 दिनों का रिकॉर्डिंग बैकअप स्टोरेज हो. यह डाटा किसी अप्रत्याशित घटना की स्थिति में जांच एजेंसियों के लिए मददगार साबित हो सकता है.
बोर्ड ने यह कदम राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) द्वारा जारी गाइडलाइंस के अनुसार उठाया है, जो स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा और संरक्षा से जुड़ी है. सीबीएसई का मानना है कि यह पहल स्कूलों में पारदर्शिता, अनुशासन और छात्रों की समग्र सुरक्षा को बेहतर बनाएगी. यह आदेश सभी सीबीएसई-संबद्ध स्कूलों पर तत्काल प्रभाव से लागू होगा और बोर्ड इसकी सख्ती से निगरानी करेगा.