अब एनसीईआरटी की किताबों में ‘INDIA’ की जगह लिखा जाएगा भारत

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान संस्थान और प्रशिक्षण परिषद यानी एनसीईआरटी (NCERT) की किताबों में अब INDIA नाम की जगह भारत लिखा जाएगा. सूत्रों का दावा है कि किताबों में आवश्यक परिवर्तनों को लेकर बने पैनल के प्रस्ताव को एनसीईआरटी ने मंजूरी दे दी है. पैनल के सदस्यों में से एक सीआई इसाक ने कहा, यह प्रस्ताव कुछ महीने पहले ही रखा गया था और अब इसे स्वीकार कर लिया गया है.

एनसीईआरटी पैनल की सिफारिश उस वक्त की गई है, जब सियासी हलको में INDIA नाम को बदलकर भारत रखने पर राजनीतिक चर्चाएं जोरों पर हैं. INDIA से बदलकर भारत नाम रखे जाने की सुगबुगाहट बीते महीने सितंबर में तब शुरू हुई जब जी20 के आयोजन के दौरान भारत की राष्ट्रपति के नाम से भेजे गए निमंत्रण पत्र में ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की बजाए ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ लिखा गया था.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, समिति के अध्यक्ष सीआई इसाक के मुताबिक, पैनल ने पाठ्यक्रम की किताबों में इंडिया शब्द को बदलकर भारत करने की सिफारिश की थी.

एनसीईआरटी समिति के अध्यक्ष सीआई इसाक ने पाठ्यपुस्तकों में ‘प्राचीन इतिहास’ की जगह पर ‘क्लासिकल हिस्ट्री’ पढ़ाने की शुरुआत करने की सिफारिश करने के साथ सभी विषयों के लिए पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस) शुरू करने की सिफारिश की.

उन्होंने कहा, ”समिति ने हिंदू राजाओं की युद्ध में जीत को पढ़ाने की सिफारिश की है. अभी किताबों में हमारी हार को दर्शाया गया है, लेकिन मुगलों और सुल्तानों पर हमारी जीत को नहीं बताया गया है.”

सीआई इसाक इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टोरिकल रिसर्च (ICHR) के सदस्य हैं. नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के तहत एनसीआरटी अपने पाठ्यक्रम में बदलाव कर रही है. इस 19 सदस्यीय समिति में आईसीएचआर के चेयरपर्सन राघवेंद्र तंवर, जेएनयू की प्रोफेसर वंदना मिश्रा, डेक्कन कॉलेज डीम्ड यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर वसंत शिंदे और हरियाणा सरकार के स्कूल में सोशियोलॉजी पढ़ाने वाली ममता यादव शामिल हैं.

मुख्य समाचार

भारत ने इजराइली हमलों की निंदा करने वाले बयान से खुद को रखा दूर

भारत ने शनिवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की...

भारत-कनाडा संबंध: बहुआयामी सहयोग, पीएम मोदी का G7 शिखर सम्मेलन में भाग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 जून से तीन देशों की...

विज्ञापन

Topics

More

    Related Articles