डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री की आने वाली फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ लंबे समय से विवादों में बनी हुई है. वहीं आज 16 अगस्त को ‘द बंगाल फाइल्स’ फिल्म का ट्रेलर रिलीज किया गया, लेकिन कई सिनेमाघरों ने डायरेक्टर की अपकमिंग फिल्म के ट्रेलर को लॉन्च करने से साफ मना कर दिया था.
वहीं एक मीडिया हाउस से बातचीत में विवेक अग्निहोत्री ने खुलासा करते हुए बताया कि 7 सिनेमाघरों ने सरकार की तरफ से दबाव का हवाला देते हुए उनकी फिल्म के ट्रेलर लॉन्च से मना कर दिया. इसके बावजूद भी विवेक अग्निहोत्री ने दावा किया कि ट्रेलर आज की तय तारीख पर ही रिलीज होगा और वहीं हुआ फिल्म का ट्रेलर रिलीज किया जा चूका है.
आपको बता दें कि सिनेमाघरों में ट्रेलर को न लॉन्च करने के बाद अब फिल्म का ट्रेलर यूट्यूब पर रिलीज हो चूका है. बता दें कि विवेक की ‘द बंगाल फाइल्स’ को लेकर पहले से ही काफी विवाद छिड़ा हुआ है, जिसके वजह से फिल्म की रिलीज डेट को भी टालना पड़ा था. वहीं टीएमसी नेताओं ने डायरेक्टर की फिल्म का विरोध जताते हुए उनपर कई एफआईआर भी दर्ज कराई हैं.
बता दें, टीएमसी नेताओं का आरोप है कि विवेक अपनी फिल्म के जरिए बंगाल में दंगे भड़काने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि, डायरेक्टर ने अबतक एक एफआईआर पर कोर्ट से स्टे ऑर्डर ले लिया है.
वहीं ‘द बंगाल फाइल्स’ को लेकर चल रहे विवाद पर विवेक कहते हैं कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि आखिर उनकी फिल्म पर इतना विवाद क्यों हो रहा है. टीएमसी उनकी फिल्म की रिलीज को रोकने की हर मुमकिन कोशिश कर रही है. वो कहते हैं, ‘आज 16 अगस्त को कोलकाता में हिंदुओं का नरसंहार हुआ था. सुहारावर्दी के कहने पर ये नरसंहार हुआ था जिसे बंगाल का कसाई भी कहा जाता है. 40,000 हजार लोग मारे गए थे और 40, 000 लोगों ने हुगली नदी में कूद कर अपनी जान दे दी थी.’
उन्होंने कहा, ‘आज बंगाल नया कश्मीर बनता जा रहा है. बंगाल में जिस तरह का पॉलिटिक्स है, वो कश्मीर की तरह बनता जा रहा है. वो कहते हैं कि बंगाल का विभाजन तीन बार हुआ था. पहली बार 1947 और दूसरी बार 1971 में और अब तीसरी बार फिर से बांगल के विभाजन की कोशिश हो रही है.
उन्होंने कहा कि टीएमसी नेताओं ने उनके खिलाफ कई एफआईआर दर्ज करा रखी हैं. यहां तक कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सरेआम कहा था कि द बंगाल फाइल्स एक प्रोपेगेंडा फिल्म है, जिसे वो अपने राज्य में रिलीज नहीं होने देंगी. वो कहते हैं कि इस फिल्म को सेंसर बोर्ड ने पारित किया है और वो एफआईआर के बाद भी फिल्म की रिलीज के लिए लड़ते रहेंगे.