गुजरात के दाहोद जिले के मंडोर लुखडिया निवासी एक आवासीय बालिका विद्यालय में मंगलवार रात दिए गए भोजन के बाद लगभग 60 छात्राएँ अचानक बीमार पड़ गईं। रिपोर्ट्स के अनुसार खाना खाने के तुरंत बाद ही कई लड़कियों को उल्टी, दस्त और पेट दर्द की शिकायत हुई। शुरुआती उपचार में 12 छात्राओं को सीमावर्ती लिंकहेड़ा सरकारी अस्पताल पहुँचाया गया, जबकि धीरे-धीरे अधिक छात्राएँ अस्पताल पहुंचीं, जिससे स्वास्थ्य अधिकारियों में हड़कंप मच गया ।
डॉक्टरों ने बताया कि सभी छात्राएँ अब स्थिर स्थिति में हैं और इनमें से किसी की हालत गंभीर नहीं है, जिससे समय पर इलाज की सफलता का अंदाजा लगाया जा सकता है । प्रशासन और खाद्य सुरक्षा विभाग के आला अधिकारियों ने तत्काल प्रतिक्रिया दी और विद्यालय द्वारा परोसे गए खाने के नमूनों को संग्रह करके इसकी जाँच के लिए भेज दिया गया है ।
बताया गया है कि यह मामला पहले से चल रहे खाद्य सुरक्षा चिंताओं से जुड़ा है। हाल ही में, 18 जून को भी गोधोलियनगर में दूषित मट्ठा लेने से 25 बच्चे बीमार हुए थे । पिछले वर्ष अप्रैल 2024 से मार्च 2025 के बीच राज्य में 351 टन संदिग्ध खाद्य पदार्थ जब्त किए गए, जिनमें से 1.45 % खाद्य सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतर पाए ।
राज्य सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए विद्यालयों में रोजमर्रा खाद्य और जल की जाँच नियमित रूप से करवाने का निर्देश जारी किया है। साथ ही, रसोई कर्मचारियों को स्वच्छता, खाद्य हैंडलिंग और संग्रहण के विषय में प्रशिक्षण देने की पहल तेज कर दी गई है । अब जांच एजेंसियाँ लैब रिपोर्ट की आने का इंतजार कर रही हैं, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि असल में क्या विषाक्त तत्व भोजन में मौजूद थे।