2025 में भारत सरकार ने आयकर कानून में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जो आपके वित्तीय निर्णयों को प्रभावित कर सकते हैं। यहां जानिए उन प्रमुख परिवर्तनों के बारे में:
1.₹12 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं: नई कर व्यवस्था के तहत, अब ₹12 लाख तक की वार्षिक आय पर कोई आयकर नहीं लगेगा। इससे मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी।
2.आयकर स्लैब में बदलाव: आयकर स्लैब को सरल और स्पष्ट किया गया है, जिससे करदाताओं को अपनी कर देनदारी समझने में आसानी होगी।
3.₹75,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन: नए कर व्यवस्था में वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को ₹75,000 तक बढ़ाया गया है, जो कर योग्य आय को कम करेगा।
4.TDS और TCS की सीमा में वृद्धि: वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर TDS की सीमा ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1 लाख की गई है, और किराए पर TDS की सीमा ₹2.40 लाख से बढ़ाकर ₹6 लाख की गई है।
5.नई कर व्यवस्था में स्टैंडर्ड डिडक्शन: नई कर व्यवस्था में स्टैंडर्ड डिडक्शन को स्पष्ट रूप से शामिल किया गया है, जिससे करदाताओं को लाभ होगा।
6.कम्युटेड पेंशन पर टैक्स डिडक्शन: अब कम्युटेड पेंशन पर टैक्स डिडक्शन की सुविधा गैर-नौकरी पेशा व्यक्तियों के लिए भी उपलब्ध होगी।
.फेसलेस असेसमेंट की शुरुआत: नई कर व्यवस्था में फेसलेस असेसमेंट की सुविधा शुरू की गई है, जिससे करदाताओं को पारदर्शिता और सुविधा मिलेगी।
ये बदलाव 1 अप्रैल 2026 से प्रभावी होंगे, और इनसे करदाताओं को बेहतर सुविधा और राहत मिलेगी। सरकार का उद्देश्य कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाना है।