गुजरात के बोटाद क्षेत्र से AAP विधायक उमेश मकवाणा ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देते हुए कहा कि पिछड़ी जातियों, विशेषकर कोली समुदाय का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं हो पा रहा है। उन्होंने एम्बेडकर के आदर्शों के प्रवाह में पार्टी की कथित दूरी के प्रति नाराज़गी जताई और संसदीय दल के व्हिप तथा राष्ट्रीय संयुक्त सचिव पदों से हटे ।
इसी दिन गुजरात के AAP प्रदेशाध्यक्ष इसुदान गढ़वी ने मकवाणा को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पांच वर्ष के लिए निलंबित कर दिया। इस कार्रवाई को पार्टी अनुशासन बनाए रखने और किसी भी असंतुष्ट रुझान के विरुद्ध सोचे-समझे कदम के रूप में बताया गया।
मकवाणा ने आरोप लगाया कि AAP ने संसाधन ऊँच जातियों के पसंदीदा प्रत्याशियों के पक्ष में केंद्रित किए, खासकर विसावदार उपचुनाव में पटिदार नेता को समर्थन और कादी में दलित प्रत्याशी की उपेक्षा के संदर्भ में । उन्होंने स्पष्ट किया कि वे चुनाव क्षेत्र के लोगों से राय लेकर ही विधायक पद से इस्तीफा देने का अंतिम निर्णय लेंगे ।
यह घटना AAP के गुजरात इकाई में गहराई से पल रहे जातीय और रणनीतिक मतभेदों को उजागर करती है, और यह संकेत देती है कि पार्टी को अपनी मूल मान्यताओं तथा पिछड़े वर्गों के मुद्दों पर फिर से ध्यान केंद्रित करना होगा।