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उत्तराखंड: बिना कारण रेफर नहीं होंगे मरीज, जवाबदेही तय करने को बनेगा SOP, CMO-CMS की अनुमति जरूरी

उत्तराखंड: बिना कारण रेफर नहीं होंगे मरीज, जवाबदेही तय करने को बनेगा SOP, CMO-CMS की अनुमति जरूरी

देहरादून (22 जुलाई 2025): उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने मरीजों के रेफ़रल (स्थानांतरण) पर जवाबदेही तय करने के लिए एक सुसंगठित SOP तैयार किया है। नए दिशा‑निर्देशों के अनुसार:

चिकित्सक किसी भी मरीज को दूसरे अस्पताल में स्थानांतरित करने से पहले receiving अस्पताल में बेड एवं संसाधन उपलब्धता की पुष्टि करेंगे।

रेफ़र करने पर CMO (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) और CMS (मुख्य चिकित्सा अधीक्षक) के हस्ताक्षर अनिवार्य होंगे। ऐसे में केवल डॉक्टर की अनुमति पर्याप्त नहीं रहेगी।

SOP उल्लंघन की स्थिति में संबंधित CMO/CMS की जवाबदेही तय होगी – यानी जवाबदेही तय‌कर उन्हें दंडित भी किया जा सकता है।

इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग में एक और प्रशासनिक बड़ी कार्यवाही भी की गई है। 11 जून 2025 को स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार के आदेश पर अनेक जिलों के CMO, CMS, निदेशक एवं वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों का व्यापक फेरबदल किया गया। इस ताज़ा बदलाव का उद्देश्य चिकित्सा प्रशासन में जवाबदेही, पारदर्शिता तथा कार्यकुशलता को बढ़ावा देना बताया गया है।

नए SOP एवं प्रशासनिक पुनर्गठन से स्वास्थ्य सेवा प्रणाली अधिक मजबूत और सुनियोजित बनी दिखाई दे रही है। राज्य सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि मरीजों को बेहतर, तेज़, और जिम्मेदार स्वास्थ्य सेवाएँ मिलें, बिना किसी अनावश्यक देरी या असमंजस के।

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