लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 25 जुलाई 2025 को सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि उन्होंने OBC समुदायों की समस्याओं को सही से नहीं समझा और उनका पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं किया, जिसे उन्होंने अपनी “गलती” माना। उन्होंने कहा कि OBC समाज की पक्षधरता में बदलाव लाने की जरूरत है और अब उसी पर ज़्यादा काम करेंगे।
उन्होंने RBI केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर किए जातिगत सर्वेक्षणों और रिज़र्वेशन नीति में सुधारों को लेकर भी चिंता जताई और आरोप लगाया कि सरकार जातीय सर्वेक्षण और क्वोटा बढ़ाने की पहल को रोक रही है, जिससे सामाजिक न्याय बाधित हो रहा है। राहुल ने बीजेपी-सरकार और RSS पर निशाना साधते हुए कहा कि वे 50% क्वोटा कैप को बनाए रखना चाहते हैं, जो backward वर्ग के विकास में बाधा है ।
इसके अलावा, राहुल ने राज्य सरकारों द्वारा सामाजिक-आर्थिक जाति सर्वेक्षण की जमकर सराहना की, विशेषकर तेलंगाना सरकार द्वारा चलाए गए सर्वे को उदाहरण बताते हुए कहा कि जातिगत डेटा लोकतंत्र को मजबूत करेगा और उसका उपयोग शिक्षा तथा रोजगार में OBC को फायदा पहुंचाने में किया जा सकता है ।
यह बयान कांग्रेस के OBC‑समर्थक गठबंधन और सामाजिक न्याय एजेंडा के प्रति राहुल गांधी के नए दृष्टिकोण को दर्शाता है।