जोशीमठ आपदा प्रभावितों के पुनर्वास व मुआवजे को लेकर प्रभावितों का गुस्सा कम नहीं हो रहा। बता दे कि सोमवार को तहसील में धरने के 61वें दिन आपदा प्रभावितों ने सरकार पर मुआवजे को लेकर दिए जा रहे पैकेज को नाकाफी बताया और कहा कि इससे पुनर्वास होना संभव नहीं है।
इसी के साथ मांग कि पूरे जोशीमठ क्षेत्र को आपदा प्रभावित घोषित किया जाना चाहिए। धरनास्थल पर आयोजित बैठक में जोशीमठ संघर्ष समिति ने निर्णय लिया कि होली के दिन भी वे धरनास्थल पर आंदोलन जारी रखेंगे, क्योंकि घर से बेघर हो चुके प्रभावितों के जीवन में अब खुशियां बची ही कहां हैं।
हालांकि तहसील परिसर में आयोजित सभा में जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती ने कहा कि सरकार की ओर से प्रभावितों को वर्तमान समय में दी जा रही वन टाइम सेटलमेंट राशि नाकाफी है। प्रभावितों को तो सिर्फ भवन का मुआवजा मिला है, जो क्षतिग्रस्त हुआ है, लेकिन भूमि का निर्धारण हुआ ही नहीं है।
इसी के साथ ऐसे में यह मुआवजा राशि आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि पूरे जोशीमठ को आपदा प्रभावित घोषित किया जाना चाहिए, लेकिन सरकार सिर्फ मकानों की क्षति के आधार पर मूल्यांकन कर रही है।
बता दे कि अप्रत्यक्ष रूप से जो लोग प्रभावित हुए हैं उनका दर्द प्रशासन व सरकार देख ही नहीं रही है। इस अवसर पर जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के प्रवक्ता कमल रतूड़ी, रोहत परमार, संजय उनियाल, मीना डिमरी, पुन्नी देवी आदि ने विचार व्यक्त किए।