विशाखापत्तनम में शुक्रवार को आयोजित एक सम्मेलन में, जहाँ सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश भी मौजूद थे, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नारा चंद्रबाबू नायडू ने कर सुधारों के माध्यम से भारत की विकास दर को 10 प्रतिशत तक बढ़ाने की संभावना जताई। उन्होंने कहा, “वर्तमान में हम 6–7 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ रहे हैं, लेकिन अगर कर सुधारों को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए, तो भारत की गति 10 प्रतिशत तक पहुंच सकती है — और फिर कोई हमें आगे बढ़ने से रोक नहीं सकता।”
नायडू ने यह भी उल्लेख किया कि E&Y के पूर्वानुमान के अनुसार, भारत 2038 तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। उन्होंने गौर दिलाया कि पिछली एक दशक में भारत 11वें स्थान से उभरते हुए चौथे सबसे बड़े अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है।
इस मौके पर न्यायपालिका की भूमिका पर भी ज़ोर देते हुए उन्होंने कहा कि न्यायपालिका लोकतंत्र और कानून शासन की संरक्षक है — जो पारदर्शिता, ईमानदारी और न्याय सुनिश्चित करती है।
इस बयान में आंध्र के नायक ने कर सुधारों, न्याय प्रणाली और आर्थिक रणनीतियों को जोड़ते हुए भारत की प्रगति के अभूतपूर्व वृहद दृष्टिकोण का चित्र उकेरा है।