ढाका|….. बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस के आवास जमुना की ओर मार्च कर रहे इंजीनियरिंग छात्रों की पुलिस के साथ हिंसक झड़प हुई, जिसमें कम से कम 50 छात्र घायल हो गए.
स्थानीय मीडिया के अनुसार, यह घटना बुधवार को ढाका के शाहबाग चौराहे पर हुई, जहां बांग्लादेश यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (बीयूईटी) सहित कई इंजीनियरिंग संस्थानों के छात्रों ने अपनी तीन सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. बांग्लादेश गृह मंत्रालय ने पुष्टि की है कि इस झड़प में रमना डिवीजन के डिप्टी कमिश्नर मसूद आलम सहित आठ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं, जिनमें से दो की हालत गंभीर है.
छात्रों की तीन मांगों में डिप्लोमा इंजीनियरों को इंजीनियर की उपाधि का उपयोग करने से रोकना, डिप्लोमा इंजीनियरों को नौवीं ग्रेड में पदोन्नति से प्रतिबंधित करना और स्नातक इंजीनियरों को दसवीं ग्रेड की नौकरियों में प्राथमिकता देना शामिल है.
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस, साउंड ग्रेनेड और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया, जब वे जमुना की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे थे. पुलिस की कार्रवाई के जवाब में छात्र समूहों ने गुरुवार को देशभर की सभी इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटीज में पूर्ण बंद की घोषणा की है, जिसमें उनकी मांगों को नजरअंदाज करने और होटल इंटरकॉन्टिनेंटल ढाका के सामने पुलिस के अत्यधिक बल प्रयोग का विरोध शामिल था.
एक 11 सदस्यीय छात्र प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार शाम को ढाका के रेल भवन में अंतरिम सरकार के सलाहकारों मुहम्मद फौजुल कबीर खान और सैयदा रिजवाना हसन के साथ बातचीत की. हालांकि, एक घंटे की यह बैठक बेनतीजा रही.
छात्र मंच प्रोकौशोली ओधिकार आंदोलन के महासचिव साकिबुल हक लिपु ने बैठक के बाद बंद की घोषणा की. उन्होंने कहा, गुरुवार को सभी कक्षाएं और परीक्षाएं निलंबित रहेंगी. हमारी तीनों मांगों में से कोई भी पूरी नहीं हुई. नीति निर्माताओं को हमारे आंदोलन के बारे में कुछ पता ही नहीं है.
अपनी मूल तीन सूत्री मांगों के अलावा छात्रों ने पांच और शर्तें रखी हैं. इनमें गृह सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी से छात्रों पर क्रूर और शर्मनाक पुलिस हमलों के लिए सार्वजनिक माफी और जवाबदेही, मौजूदा सरकारी समिति को गैर-प्रतिनिधित्व बताकर इसमें फैकल्टी और इंजीनियरिंग हितधारकों को शामिल कर पुनर्गठन, तीन सूत्री मांगों को तत्काल कार्यकारी आदेश के माध्यम से मंजूरी, सलाहकारों फौजुल कबीर, आदिलुर रहमान और रिजवाना हसन से आश्वासन, घायल छात्रों के इलाज का सरकारी खर्च, आंदोलन के दौरान छात्रों की सुरक्षा की गारंटी और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई बंद करने की मांग शामिल है.
यह हिंसक टकराव बांग्लादेश में बढ़ती सार्वजनिक अशांति की पृष्ठभूमि में हुआ है, जहां यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के पिछले अगस्त में सत्ता संभालने के बाद से कई विरोध आंदोलन और बढ़ती अराजकता देखी गई है.