देहरादून में आई भीषण बाढ़ ने कई परिवारों की ज़िंदगी को तहस-नहस कर दिया। बारिश और अचानक आए पानी के सैलाब ने जहां घरों को उजाड़ दिया, वहीं लोगों को अपनी जान बचाने के लिए जंगलों और ऊंची जगहों की ओर भागना पड़ा। इस त्रासदी में सबसे मार्मिक दृश्य उस पिता का था, जिसने अपनी गोद में छह माह के मासूम को संभाला हुआ था और तीन बेटियों के हाथ कसकर थामे वह बाढ़ से बचने के लिए दौड़ रहा था।
बाढ़ का पानी इतनी तेज़ी से आया कि लोगों को घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर भागना पड़ा। कई घर ध्वस्त हो गए, मवेशी बह गए और सैकड़ों लोग बेघर हो गए। प्रभावित गांवों के लोग बताते हैं कि उन्हें ऐसा मंजर पहले कभी देखने को नहीं मिला। प्रशासन और राहत दलों की टीम लगातार बचाव और राहत कार्य में जुटी हुई है, लेकिन तबाही का आलम इतना बड़ा है कि कई परिवार अब भी मदद का इंतज़ार कर रहे हैं।
इस आपदा ने जहां लोगों की ज़िंदगी और संपत्ति छीन ली, वहीं बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा को लेकर दहशत बनी हुई है। पीड़ित परिवारों की आंखों में सिर्फ दर्द ही नहीं, बल्कि भविष्य की चिंता भी साफ झलक रही है।