दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) ने अपने स्नातक स्तर के सामान्य ऐच्छिक (GE) पाठ्यक्रम में नया कोर्स “भारतीय इतिहास में सिख शहादत (लगभग 1500–1765)” शुरू करने की मंज़ूरी दी है। यह चार क्रेडिट का थिमेटिक कोर्स स्वतंत्रता एवं विभाजन अध्ययन केंद्र (CIPS) द्वारा तैयार किया गया है और अकादमिक परिषद की स्थायी समिति ने इसे स्वीकृत किया है।
इस कोर्स में सिख धर्म के उद्भव, मुगल काल के धार्मिक उत्पीड़न और सिख गुरुओं—गुरु अर्जन देव, गुरु तेग बहादुर, गुरु गोबिंद सिंह—सहित साहिबज़ादों और बंदा सिंह बहादुर के नेतृत्व में प्रतिरोध की घटनाओं का अध्ययन शामिल रहेगा । कोर्स के दौरान ऐतिहासिक गुरुद्वारों व किलों के स्थल भ्रमण, वृत्तचित्र प्रदर्शन और इंटरेक्टिव ट्यूटोरियल होंगे।
दिल्ली पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने इसे “सभ्यतात्मक श्रद्धांजलि” करार दिया, यह घोषणा गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहादत वर्षगांठ से पहले की गई ।
यह कोर्स मुख्य रूप से शैक्षिक असंतुलन को दूर करते हुए सिख समुदाय की सामाजिक–धार्मिक योगदान और शहादत की अवधारणा पर मजबूत प्रकाश डालेगा।