चुनाव आयोग ही तय करेगा SIR का समय, कोई और प्राधिकरण नहीं: ECI ने सुप्रीम कोर्ट को किया स्पष्ट

चुनाव आयोग (ECI) ने सुप्रीम कोर्ट को स्पष्ट किया है कि विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की तिथि और समय का निर्धारण केवल आयोग के अधिकार क्षेत्र में है, न कि किसी अन्य प्राधिकरण का। आयोग ने यह बात एक जनहित याचिका के जवाब में कही, जिसमें देशभर में नियमित अंतराल पर SIR आयोजित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। आयोग ने अपने हलफनामे में कहा कि वह संविधान और कानूनों द्वारा प्रदत्त शक्तियों के तहत मतदाता सूची के पुनरीक्षण की नीति और समय तय करने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र है। इसलिए, किसी अन्य प्राधिकरण को इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है।

आयोग ने यह भी बताया कि उसने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को SIR की तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए हैं। इस प्रक्रिया में मतदाताओं के पहचान दस्तावेज़ों की जांच की जाएगी, जिसमें आधार कार्ड को भी 12वें वैध दस्तावेज़ के रूप में स्वीकार किया गया है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि आधार केवल पहचान का प्रमाण है, नागरिकता का नहीं। इससे पहले, बिहार में SIR के दौरान आधार को पहचान दस्तावेज़ के रूप में स्वीकार किया गया था।

आयोग ने यह भी कहा कि वह सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में SIR की तैयारी की निगरानी करेगा और सुनिश्चित करेगा कि प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो। आयोग ने यह भी कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करेगा और सुनिश्चित करेगा कि केवल भारतीय नागरिक ही मतदाता सूची में शामिल हों।

मुख्य समाचार

अगर आपने भी लोन पर लिया है अपना फोन, तो पढ़ें ये खबर

अगर आपने भी लोन पर अपना फोन लिया है,...

पीएम मोदी का मणिपुर से नेपालवासियों के लिए संदेश: ‘पुनर्जागरण का संकेत’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार, 13 सितंबर 2025 को...

Topics

More

    Related Articles