प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने यूट्यूबर एलविश यादव और हरियाणवी गायक फजीलपुरिया के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन कर वीडियो सामग्री में संरक्षित प्रजातियों के उपयोग के आरोप में चार्जशीट दाखिल की है। इस मामले में ED ने मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) के तहत कार्रवाई की है। चार्जशीट में आरोप है कि इन दोनों ने अपनी वीडियो सामग्री में सांप और इगुआना जैसी संरक्षित प्रजातियों का उपयोग किया, जो वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध है।
फजीलपुरिया के गाने “32 BORE” और एलविश यादव के व्लॉग में इन प्रजातियों का उपयोग किया गया था। इन वीडियो से प्राप्त आय को “अपराध की आय” माना गया है। फजीलपुरिया को Sky Digital India Pvt. Ltd. से ₹50 लाख की अग्रिम राशि प्राप्त हुई, जिसका कुछ हिस्सा वीडियो निर्माण में उपयोग किया गया। ED ने ₹50 लाख मूल्य की कृषि भूमि को अस्थायी रूप से जब्त किया है। एलविश यादव के व्लॉग से ₹84,000 की आय हुई, जिसे अस्थायी रूप से जब्त किया गया है। चार्जशीट में आरोप है कि इन दोनों ने अपराध की आय से संबंधित गतिविधियों में संलिप्तता दिखाई है, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध हुआ है।
यह मामला वन्यजीवों के संरक्षण और डिजिटल सामग्री निर्माताओं की जिम्मेदारी पर महत्वपूर्ण सवाल उठाता है। अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में आगे की जांच जारी है और आरोपियों को समन जारी किए जाएंगे।