वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में संकेत दिया है कि ₹2,000 से अधिक की UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) लेन-देन पर 5% GST लगाने पर विचार किया जा रहा है। यह प्रस्ताव GST परिषद की आगामी बैठक में चर्चा के लिए रखा जाएगा, और यदि इसे मंजूरी मिलती है, तो यह 1 जुलाई 2025 से लागू हो सकता है।
इस कदम का उद्देश्य उच्च-मूल्य वाली डिजिटल लेन-देन को अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के तहत लाना है, जिससे GST संग्रह में वृद्धि हो सके। हालांकि, इस प्रस्ताव पर अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है, और वित्त मंत्रालय के अधिकारी इसे लेकर विचार कर रहे हैं।
यदि यह प्रस्ताव लागू होता है, तो इससे UPI के माध्यम से ₹2,000 से अधिक की लेन-देन करने वाले उपयोगकर्ताओं पर अतिरिक्त 5% GST का भार पड़ेगा। यह कदम डिजिटल भुगतान के बढ़ते उपयोग और GST संग्रह को बढ़ाने के लिए उठाया जा रहा है।
अधिक जानकारी और अपडेट के लिए GST परिषद की आगामी बैठक का इंतजार करना होगा, जहां इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।