जयपुर के सीतापुरा इंडस्ट्रियल एरिया में सोमवार रात एक दुखद हादसा हुआ, जिसमें चार मजदूरों की जहरीली गैस से दम घुटने से मौत हो गई। ये मजदूर ‘अचल ज्वेल्स प्राइवेट लिमिटेड’ नामक आभूषण फैक्ट्री के सेप्टिक टैंक से सोने और चांदी के कण निकालने के लिए अंदर उतरे थे। फैक्ट्री के अधिकारियों ने उन्हें अतिरिक्त पैसे का लालच देकर टैंक में भेजा, जबकि वे पहले इस काम से मना कर चुके थे। टैंक में घुसते ही मजदूरों की तबियत बिगड़ने लगी, और एक के बाद एक वे बेहोश हो गए। इस दौरान दो अन्य मजदूर भी गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मृतकों की पहचान रोहित पाल, संजीव पाल, हिमांशु सिंह और अर्पित यादव के रूप में हुई है, जो उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर और अंबेडकर नगर जिले के निवासी थे। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और मामले की जांच शुरू की है। फैक्ट्री के मालिक अरुण कुमार कोठारी और सीईओ विकास मेहता पर लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी करने का आरोप लगाया गया है।
इस घटना ने राजस्थान में मैन्युअल स्कैवेंजरिंग और मजदूरों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य सरकार की निष्क्रियता की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य में पिछले कुछ महीनों में ऐसी घटनाएं बढ़ी हैं, लेकिन सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।