अब सरकार को भी नहीं मिलेगी कानून तोड़ने पर छूट, डाटा उल्लंघन पर सभी को देना होगा जुर्माना

भारत सरकार द्वारा बीती 18 नवंबर को नया डाटा गोपनीयता कानून को प्रस्तावित किया गया है। बता दे कि इस कानून के तहत डाटा उल्लंघन के मामले में सरकार को भी छूट नहीं मिलेगी।
नए डिजिटल डाटा संरक्षण विधेयक के तहत लोगों के निजी डाटा एकत्र करने से पहले सरकार से सहमति लेना अनिवार्य होगा। हालांकि इस कानून का उल्लंघन करने पर 500 करोड़ का जुर्माना लगाया जा सकता है।

इसी के साथ एक सरकारी सूत्र ने शनिवार को कहा कि डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल, डाटा उल्लंघन के मामले में सरकार को भी उत्तरदायी ठहराया जाएगा। बिल केवल डिजिटल डाटा के पहलुओं को कवर करेगा क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय का काम डिजिटल और साइबर स्पेस से निपटना है। बता दे कि बिल मुख्य रूप से उन संस्थाओं को जवाबदेह बनाने के लिए है जो डाटा का मुद्रीकरण कर रही हैं।

हालांकि संसद के निचले सदन से डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल को वापस लेने के तीन महीने बाद भारत सरकार ने शुक्रवार को एक नया डाटा गोपनीयता कानून प्रस्तावित किया है जो कि टेक और सोशल मीडिया कंपनियों को यूजर्स के निजी डाटा को देश के बाहर भेजने की इजाजत देगा।

केंद्र सरकार ने नए डाटा संरक्षण विधेयक, 2022 का जो मसौदा पेश किया है उसमें दस्तावेज, सेवा, पहचान या पते के प्रमाण आदि के लिए आवेदन करते समय गलत जानकारी देने वालों पर भी 10 हजार रुपये जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है।

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