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भारत में बायोइकोनॉमी को नई उड़ान: सरकार ने शुरू किए एडवांस्ड बायोमैन्युफैक्चरिंग हब्स

भारत में बायोइकोनॉमी को नई उड़ान: सरकार ने शुरू किए एडवांस्ड बायोमैन्युफैक्चरिंग हब्स

नई दिल्ली — भारत सरकार ने बायोइकोनॉमी, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा और पर्यावरण जैसे बहु-क्षेत्रीय क्षेत्रों में नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देने हेतु उन्नत बायोमैन्युफैक्चरिंग हब्स का एक राष्ट्रव्यापी नेटवर्क लॉन्च किया है। यह पहल BioE3 नीति (Biotechnology for Economy, Environment & Employment) के अंतर्गत Department of Biotechnology (DBT) और BIRAC द्वारा शुरू की गई है।

उच्च-प्रदर्शन बायोमैन्युफैक्चरिंग प्लेटफ़ॉर्म्स, जिन्हें बायो-फाउंड्रीज और बायो-एनाब्लर हब्स के रूप में जाना जाएगा, लैब से लेकर पायलट और पूर्व-व्यावसायिक स्तरों तक जैव-आधारित नवाचारों को स्केल करने हेतु अत्याधुनिक अवसंरचना, तकनीक और विशेषज्ञता प्रदान करेंगे। यह नेटवर्क कृत्रिम जीवविज्ञान (सिन्थेटिक बायोलॉजी), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और ओमिक्स तकनीकों को जोड़कर स्वास्थ्य, कृषि, भोजन प्रणाली, स्वच्छ ऊर्जा, औद्योगिक बायोटेक्नोलॉजी और जलवायु लचीलापन जैसे क्षेत्रों में टिकाऊ समाधान तैयार करेगा।

केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने इस अवसर को भारत के नवाचार सफर में एक निर्णायक मोड़ करार दिया। उन्होंने कहा कि यह पहल भारत को ग्लोबल बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्र में अग्रणी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
वहीं, DBT सचिव राजेश एस. गोखले ने इस नेटवर्क को भारत की आगामी 300 अरब डॉलर की बायोइकॉनोमी लक्ष्य प्राप्ति की आधारशिला बताया।

यह योजना बायोमैन्युफैक्चरिंग हब्स, Bio-AI हब्स और बायो-फाउंड्रीज़ के माध्यम से स्टार्टअप, एमएसएमइ, उद्योग और अकादमिक शोध संस्थानों के बीच सहयोग को मजबूत करेगी, जिससे भारत में स्थायी, स्वदेशी और पर्यावरण-मित्र उत्पादन मॉडल का विकास संभव होगा।

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