हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर के संकरे पैदल मार्ग पर हादसे के बाद अफवाहबाज़ी की वजह से भगदड़ मची, जिसमें कम से कम 6 श्रद्धालुओं की मौत हुई और करीब 35 लोग घायल हुए । जो लोग घायल हुए उनमें से 14 की हालत गंभीर बताई गई है। मृतकों एवं घायलों को स्थानीय अस्पतालों और AIIMS ऋषिकेश भेजा गया ।
घटना की शुरुआत एक अफवाह से हुई, जहाँ लोगों ने बिजली का तार टूटने व करंट गिरने की अफवाह फैलायी। eyewitnesses का कहना है कि एक व्यक्ति नीचे जाते समय रस्सी पकड़ रहा था जिसे कुछ लोगों ने बिजली का तार समझ लिया, और अफवाह फैल गयी कि HT वायर गिर गया है। UPCL ने साफ़ किया कि वहाँ केवल low-tension insulated तार थे और किसी बिजली लीकेज की पुष्टि नहीं हुई ।
सोशल एक्टिविस्ट्स और स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि मंदिर मार्ग पर लगभग 200 अवैध दुकानें लगी थीं। हादसे के तुरंत बाद इन दुकानों को बंद कर दिया गया, कई दुकानदारों ने अपना सामान छिपा लिया । प्रशासन पर उचित crowd control न रखने का भी जवाबदेही का सवाल उठाया गया है ।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने मजिस्ट्रियल जाँच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख तथा घायलों को ₹50,000 मुआवज़ा देने की घोषणा की है, और पूरे उत्तराखंड की धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा प्रक्रियाओं की समीक्षा शुरू करने का निर्देश दिया गया है ।