सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को उनके 2022 की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान चीन द्वारा भारत की 2,000 वर्ग किलोमीटर जमीन हड़पने वाले बयान पर कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा, “कैसे पता चला कि चीन ने इतनी जमीन हड़पी है? क्या आप वहाँ थे? आपके पास कोई भरोसेमंद जानकारी है?” और जोड़ा, “अगर आप एक सच्चे भारतीय होते, तो ऐसा बयान नहीं देते” ।
इस मामले में राहुल गांधी पर हुए मानहानि के विवाद की सुनवाई फिलहाल रोकी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रकरण की अगली सुनवाई से पहले अहम पक्षों को नोटिस जारी किया है ।
राहुल गांधी के वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंहवी ने बहस की कि यदि विपक्ष नेता को अपनी बात कहने का अधिकार नहीं रहेगा, तो वे नेतृत्व कैसे करेंगे। उन्होंने कहा, “यदि वो ये बातें प्रेस में प्रकाशित नहीं कर सकते, तो वे विपक्ष नेता कैसे बने?” लेकिन कोर्ट ने स्पष्ट कहा, “तो फिर आप ये बातें संसद में क्यों नहीं कहते? सोशल मीडिया पोस्ट पर कहते क्यों हैं?”।
इससे पहले, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 29 मई को राहुल गांधी की अपील खारिज करते हुए कहा कि भाषणों की स्वतंत्रता सेना का मानहानि करने का बहाना नहीं बन सकती।