भारत को अमेरिकी-made Apache AH‑64E हमले वाले हेलिकॉप्टरों की पहली खेप मिल चुकी है, जो प्रायः पाकिस्तान सीमा पर तैनात की जाएँगी। 2020 में $600 मिलियन के सौदे के तहत छह हेलिकॉप्टरों में से तीन की डिलीवरी अप्रत्याशित देरी के बाद अब होने जा रही है ।
पहले तीन हेलिकॉप्टर संभवतः इस महीने भारतीय सेना को सौंपी जाएँगी, जबकि शेष तीन इस वर्ष के अंत तक आ जाएंगे । इन AH‑64E मॉडल हेलिकॉप्टरों को “टैंक्स इन द एयर” कहा जाता है, क्योंकि इनमें अत्याधुनिक हथियार, अग्नि नियंत्रण प्रणाली और उन्नत सेंसर लगे होते हैं, जो पश्चिमी सीमों के विजय अभियानों के लिए उपयुक्त हैं ।
भारतीय आर्मी एविएशन कोर ने मार्च 2024 में जोधपुर (राजस्थान) में पहला Apache स्क्वाड्रन—451 अविSquadron—कायम कर दिया था, जिसे पाकिस्तान सीमा के पास टैक्टिकल समर्थन देने के लिए तैयार किया गया है । हालाँकि स्क्वाड्रन की स्थापना के 15 महीनों बाद भी पहले हेलिकॉप्टर की कमी बनी हुई थी, लेकिन अब वह भी दूर हो गई है ।
इन हेलिकॉप्टरों से भारतीय सेना की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। हलाँकि भारतीय वायुसेना के पास पहले से 22 Apache हेलीकॉप्टर हैं, आर्मी के लिए यह पहला दर्ज़न होगा । ये मशीनें डेज़र्ट क्षेत्रों में ऑपरेशन करने में सक्षम हैं, और डेटा नेटवर्किंग के ज़रिए युद्धभूमि की तस्वीर साझा करने और लक्षित हमले करने में कारगर साबित होंगी ।
उन्नत अग्नि शक्ति, सटीकता और गतिशीलता के साथ, Apache हेलिकॉप्टर पाकिस्तान-सीमा पर लड़ाकू समर्थन, टोही और दुश्मन की वाहनों पर जड़ कार्रवाई हेतु महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।