भारत की रणनीतिक पुनर्रचना: ग्रैंड स्ट्रेटेजी के आठ अहम कदम जो बदलेंगे देश की वैश्विक दिशा

भारत ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और वैश्विक प्रभाव को बढ़ाने के लिए एक समग्र रणनीतिक पुनर्रचना की योजना बनाई है। इसमें आठ प्रमुख पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है:

रक्षा नवाचार में निवेश: निजी क्षेत्र से शीर्ष प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए एक समर्पित बजट स्थापित करना, जिससे कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ड्रोन प्रौद्योगिकी, साइबर युद्ध, और अंतरिक्ष के सैन्य अनुप्रयोगों में नवाचार को बढ़ावा मिले।

सैन्य और नागरिक क्षेत्रों के बीच सहयोग: सैन्य और नागरिक क्षेत्रों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना, जिससे रक्षा प्रौद्योगिकी और आपूर्ति श्रृंखला में सुधार हो।

आधुनिक सैन्य उपकरणों का अधिग्रहण: उन्नत हथियार प्रणालियों और रक्षा उपकरणों के अधिग्रहण के लिए संसाधनों का आवंटन, जिससे भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हो।

सामरिक साझेदारियों का विस्तार: वैश्विक और क्षेत्रीय शक्तियों के साथ रणनीतिक साझेदारियों को मजबूत करना, जिससे भारत की वैश्विक स्थिति में सुधार हो।

आंतरिक सुरक्षा में सुधार: आंतरिक सुरक्षा तंत्र को मजबूत करना, जिससे आतंकवाद और अन्य आंतरिक खतरों से निपटा जा सके।

साइबर सुरक्षा में निवेश: साइबर सुरक्षा ढांचे को मजबूत करना, जिससे डिजिटल बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित हो।

ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना: ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला की सुरक्षा और विविधता को बढ़ावा देना, जिससे ऊर्जा संकट से बचा जा सके।

वैश्विक कूटनीति में सक्रिय भूमिका: वैश्विक मंचों पर सक्रिय भागीदारी, जिससे भारत की कूटनीतिक स्थिति मजबूत हो।

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