भारत और मालदीव ने रविवार, 18 मई 2025 को 13 समझौता-ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए, जिनके तहत “हाई-इम्पैक्ट कम्युनिटी डिवेलपment प्रोजेक्ट” (HICDP)-चरण III के अंतर्गत भारतीय अनुदान सहायता से परियोजनाएं लागू होंगी।
मालदीव के विदेश मंत्रालय परिसर, में आयोजित समारोह में मालदीव के विदेश मंत्री डॉ. अब्दुल्ला खलील, परिवहन मंत्री मोहम्मद अमीन और भारत के उच्चायुक्त जी. बालासुब्रमण्यम ने दस्तखत किए। कुल MVR 100 मिलियन (लगभग ₹55 करोड़) के इस अनुदान का केंद्रीय लक्ष्य मालदीव के द्वीप-समूह में फेरी सेवाओं का उन्नयन, समुद्री संपर्क का विस्तार और स्थानीय समुदायों की आजीविका में सुधार है।
परियोजना के तहत 12 नए यात्री जहाज़ तथा रा ऊंगूफाारू में एक आधुनिक फेरी टर्मिनल बनाया जाएगा, जिससे रैपिड ट्रांसपोर्ट लिंक (RTL) नेटवर्क को 2025 के अंत तक पूरा करने की उम्मीद है। इन योजनाओं से द्वीपों के बीच आवागमन तेज होगा, पर्यटन बढ़ेगा और व्यापार-विक्रय को सुविधा मिलेगी।
भारतीय उच्चायोग ने इसे “समुदाय विकास में साझेदारी” बताते हुए कहा कि समुद्री संपर्क मालदीववासियों की जीवनरेखा है और नई पहल द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊँचाई देगी। मालदीव सरकार ने भारत का आभार जताते हुए इसे आर्थिक लचीलापन और रोजगार बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।