भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के कारण वैश्विक समुदाय में चिंता गहरी हो गई है। न्यूक्लियर-सशक्त दोनों देशों के बीच हालिया सैन्य संघर्षों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सक्रिय रूप से हस्तक्षेप करने के लिए प्रेरित किया है।
अमेरिका:
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने दोनों देशों से संयम बरतने और सीधी बातचीत शुरू करने की अपील की है। हालांकि, उपराष्ट्रपति जे.डी. वांस ने कहा कि अमेरिका इस संघर्ष में सीधे तौर पर हस्तक्षेप नहीं करेगा। जी7 देशों ने भी दोनों देशों से रचनात्मक संवाद की प्रक्रिया शुरू करने की अपील की है।
चीन:
चीन ने भारत के हालिया सैन्य अभियानों को खेदजनक बताते हुए दोनों देशों से संयम बरतने और स्थिति को नियंत्रण में रखने की अपील की है। चीन ने मध्यस्थता की पेशकश भी की है।
यूरोप:
ब्रिटेन, फ्रांस और रूस ने भी दोनों देशों से संयम बरतने और स्थिति को और न बढ़ाने की अपील की है। रूस ने पाकिस्तान के लिए यात्रा परामर्श जारी किया है, जबकि ब्रिटेन और फ्रांस ने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है।
अरब देश:
सऊदी अरब, कतर और संयुक्त अरब अमीरात ने भी दोनों देशों से संयम बरतने और स्थिति को और न बढ़ाने की अपील की है। सऊदी विदेश मंत्री अदेल अल-जुबैर की भारत यात्रा से यह संकेत मिलता है कि अरब देश मध्यस्थता की भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।
वैश्विक समुदाय की यह एकजुट अपील दर्शाती है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव से न केवल दक्षिण एशिया, बल्कि पूरी दुनिया में अस्थिरता का खतरा उत्पन्न हो सकता है।