Operation Sindoor के दौरान, जहाँ पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल से बड़े पैमाने पर हमला किया था, भारतीय सेना ने प्रभावशाली प्रतिक्रिया दी। इसमें Akashteer जैसे स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम ने 100% सफलता दर के साथ सभी ड्रोन और मिसाइलों को निष्क्रिय कर दिया था।
अब इसी अनुभव से प्रेरित होकर सेना, आधुनिक ड्रोन और हवाई हमलों से बचाव के लिए अपनी वायु रक्षा नेटवर्क को और सुदृढ़ करने जा रही है। रक्षा मंत्रालय ने Air Defence Fire Control Radar – Drone Detector (ADFCR‑DD) खरीदने के लिए RFI जारी किया है, जो कम रडार सिग्नेचर वाले ड्रोन को भी पहचानने और उन्हें बेअसर करने में सक्षम होगा।
इसके अलावा, पुराने L‑70 एयर-डिफेंस गन्स को ड्रोन-विशेष रडार से लैस करने की दिशा में काम तेज़ किया गया है। यह रडार छोटे और उच्च गतिशील हवाई लक्ष्यों की पहचान और ट्रैकिंग करेगा।
सेना अब हर बटालियन तक UAV और Counter‑UAV सिस्टम को उपलब्ध कराने की योजना पर भी काम कर रही है। इससे हर इकाई में ड्रोन क्षमताओं को स्थायी रूप से शामिल किया जाएगा और तेज, कुशल प्रतिक्रिया संभव होगी।
ये कदम आधुनिक युद्ध परिदृश्यों के अनुसार रणनीतिक बदलाव के संकेत हैं, जो भारतीय सेना की त्वरित और आत्मनिर्भर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करेंगे।