राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 16 अक्टूबर 2025 को राष्ट्रपति भवन में आयोजित संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के सम्मेलन में भारतीय शांति सैनिकों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने न केवल एक विशेष स्थान बनाया है, बल्कि संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में सेवा करते हुए लोगों का विश्वास और स्नेह भी अर्जित किया है।
राष्ट्रपति ने बताया कि अब तक भारतीय शांति सैनिक 71 विभिन्न मिशनों में तैनात हो चुके हैं, जिनमें से 90 प्रतिशत से अधिक यूनिफॉर्मधारी कर्मी हैं। इन मिशनों का उद्देश्य निर्दोष लोगों, विशेषकर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की पीड़ा को कम करना है।
उन्होंने भारत की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत सबसे बड़ी लोकतांत्रिक शक्ति होने के नाते बहुपक्षवाद और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों का पालन करता है। भारत ने शांति सैनिकों के माध्यम से लैंगिक समावेश में भी महत्वपूर्ण प्रगति की है, जिससे स्थानीय समुदायों में विश्वास और सहयोग की भावना बढ़ी है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने सभी देशों से मिलकर शांति स्थापना के लिए मजबूत ढांचे बनाने का आह्वान किया, जिसमें सेना योगदान देने वाले देशों की आवाज को मजबूत किया जा सके और स्थानीय समुदायों के साथ सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित की जा सके।
उन्होंने कहा, “हम सब शांति के संरक्षक के रूप में एक ऐसे विश्व की कल्पना करें, जहां हर बच्चा सुरक्षित नींद सोए, हर समुदाय शांति और समृद्धि में फल-फूल रहा हो, और संघर्ष केवल इतिहास की किताबों में रह जाए।”