पूर्व RBI गवर्नर रघुराम राजन ने भारत को 2047 तक $50 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए आवश्यक सुधारों पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि भारत की सबसे बड़ी ताकत उसकी युवा आबादी है, और यदि उन्हें बेहतर शिक्षा और कौशल प्रदान किए जाएं, तो यह देश की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान कर सकते हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि भारत की नौकरशाही अत्यधिक सक्रिय है, जो विकास में बाधा उत्पन्न कर सकती है। इसलिए, सुधारों को लागू करते समय प्रशासनिक जटिलताओं को कम करना आवश्यक होगा।
रजन ने यह भी कहा कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लिए 8-9% की वार्षिक वृद्धि दर की आवश्यकता होगी। उन्होंने वर्तमान में 6.5% की वृद्धि दर को सराहा, लेकिन इसे पर्याप्त नहीं माना। उनका मानना है कि केवल बुनियादी ढांचे में निवेश से काम नहीं चलेगा; निजी क्षेत्र की निवेश क्षमता को भी बढ़ाना होगा। इसके लिए, सरकारी नीतियों में सुधार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश, और वित्तीय सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने की आवश्यकता है।
रजन ने भारतीय उद्यमियों की महत्वाकांक्षा की सराहना की, लेकिन यह भी कहा कि पुराने उद्यमियों में प्रतिस्पर्धा की भावना में कमी आई है, जिसे पुनः जागृत करने की आवश्यकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि भारत को अपने युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करना चाहिए और उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा में शामिल होने के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान करने चाहिए। इससे भारत की अर्थव्यवस्था को वैश्विक मंच पर मजबूती मिलेगी।