जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में तीव्र खटास आ गई है। इस हमले ने दोनों देशों के बीच पहले से तनावपूर्ण संबंधों को और भी जटिल बना दिया है। इस बीच, ईरान ने एक बड़ी पहल करते हुए भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने के लिए मध्यस्थता का प्रस्ताव दिया है।
ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उनका देश दोनों पड़ोसी देशों के बीच बातचीत का रास्ता खोलने में मदद करने के लिए तैयार है। ईरान ने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए एक संवादात्मक मंच की आवश्यकता है।
विश्लेषकों का मानना है कि ईरान का यह प्रस्ताव दोनों देशों के लिए एक अवसर हो सकता है, खासकर तब जब दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों में पहले से ही कमी आई है। इस प्रस्ताव को लेकर दोनों देशों से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया अभी तक नहीं आई है, लेकिन ईरान की पहल को सकारात्मक दिशा में एक कदम माना जा रहा है।
भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर हमेशा से विवाद रहे हैं, और जम्मू-कश्मीर पर हालिया हमले ने इन विवादों को और उग्र बना दिया है। ऐसे में ईरान का मध्यस्थता का प्रस्ताव दोनों देशों के लिए शांति की ओर एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।